फल

फल के अर्थ :

फल के मगही अर्थ

अरबी ; संज्ञा

  • (फल) समय पर वनस्पतियों में लगने वाला बीज अथवा गूदा सहित बीजकोश; पेड़, पौधा या लता का फल या छीमी; लाभ, नतीजा; प्रयोजन, कर्मफल; अस्त्र-शस्त्र या औजार के आगे लगा लोहे का नुकीला भाग; गणित की क्रिया का परिणाम यथा जोगफल; भागफल; रैयत या नौकर द्वारा दी गई वस्तु

फल के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • वनस्पति में होनेवाला वह बीच अथवा पोषक द्रव्य या गूदे से परिपूर्ण बीजकोश जो किसी विशिष्ट ऋतु में फूलों के आने के बाद उत्पन्न होता है

    विशेष
    . वैज्ञानिक दृष्टि से बीज (दाने, अनाज आदि) और बीजकोश (साधारण बोलचालवाले अर्थ में फल) में कोई अंतर नहीं माना जाता, परंतु व्यवहार में यह अंतर बहुत ही प्रत्यक्ष है । यद्यपि गेहूँ, चना, जौ, मटर, आम, कटहल, अंगूर, अनार, सेव, बादास, किशमिश आदि सभी वैज्ञानिक दृष्टि से फल हैं, पर व्यवहार में लोग गेहूँ, चने, जौ, मटर आदि की गिनती बीज या अनाज में और आम, कटहल, अनार, सेब आदि करी गिनती फलों में करते हैं । फल प्रायः मनुष्यों और पशुपक्षियों आदि के खाने के काम में आते हैं । इनके अनेक भेद भी होते हैं । कुछ में केवल एक ही बीज या गुठली रहती है, कुछ में अनेक । इसी प्रकार कुछ के ऊपर बहुत ही मुलायम और हलका आवरण या छिलका रहता है, कुछ के ऊपर बहुत कड़ा या काँटेदार रहता है ।

  • लाभ

    उदाहरण
    . फल कारण सेवा करे निशदिन जाँचे राम । कहै कबीर सेवक नहीं चहै चौगुनो दाम ।

  • प्रयत्न वा क्रिया का परिणाम , नतीजा

    उदाहरण
    . सुनहु सभासद सकल सुनिंदा । कही सुनी जिन संकर निंदा । सो फल तुरत लहब सब काहू । भली भाँति पछिताब पिताहू । . तब हरि कह्यो कोऊ जनि डरियो अबहिं तुरत मैं जैहौं । बालक ध्रुव वन करत गहन तप ताहि तुरत फल दैहौं ।

  • धर्म या परलोक की दृष्टि से कर्म का परिणाम जो सुख और दुःख है , कर्मभोग

    उदाहरण
    . सो फल मोहि विधाता दीन्हा । जो कछु उचित रहा सो कीन्हा । . कोउ कह जो भल अहइ विधाता । सब कहँ सुनिय उचित फलदाता ।

  • गुण , प्रभाव

    उदाहरण
    . नाम प्रभाव जानु सिव नीके । कालकूट फल दीन्ह अमी के । . मज्जन फल पेखिय ततकाला । काक होंहि पिक बकउ मराला ।

  • शुभ कर्मों के परिणाम जो संख्या में चार माने जाते हैं और जिनके नाम धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष हैं

    उदाहरण
    . आनंद महँ आनँद अबध आनँद बधावन होइ । उपमा कहौं चारि फल की, मोको भलो न कहैंगो कवि कोइ । . सेवत तोहि सुलभ फल चारी बरदायिनि त्रिपुरारि पियारी । . होइ अटल जगदीश भजन में सेवा तासु चारि फल पावै । कहूँ वीर वहिं कमम चरण बिनु भृंगी ज्यों दसहूँ दिसि धावै ।

  • प्रतिफल , बदला , प्रतिकार

    उदाहरण
    . एक बार जो मन देइ सेवा । सेवहि फल प्रसन्न होइ देवा ।

  • बाण, भाले, छुरी, कटारी, तलवार आदि का वह तेज अगला भाग जो लोहे का बना होता है और जिससे आघात किया जाता है , जैसे, तीर की गाँसी, भाले की अनी, इत्यादि, सब फल कहलाती है ९
  • हल की फाल
  • फलक
  • ढाल
  • उद्देश्य की सिद्धि

    उदाहरण
    . मति रामहिं सों गति रामहिं सो रति राम सों रामहिं को बलु है । सबकी न कहै तुलसी के मते इतनो जगजीवन को फलु है ।

  • पासे पर की बिंदी या चिह्न
  • न्याय शास्त्र के अनुसार वह अर्थ जो प्रवृत्ति और दोष से उत्पन्न होता है , इसे भी गौतम जी ने अपने प्रमेय के अंतर्गत लिया है
  • गणित की किसी क्रिया का परिणाम , जैसे योगफल, गुणन- फल इत्यादि
  • त्रैराशिक की तीसरी राशि वा निष्पत्ति में प्रथम निष्पत्ति का द्वितीय पद
  • क्षेत्रफल
  • फलित ज्योतिष में ग्रहों के योग का परिणाम जो सुख दुःख आदि के रूप में होता है १९
  • मूल का ब्याज वा वृद्धि , सूद
  • मूनाफा , लाभ (को॰)
  • हानि , नुकसान , (को॰)
  • आर्तव , रज (को॰)
  • त्रिफला (को॰)
  • प्रयोजन
  • जायफल
  • कंकोल
  • कोरैया का पेड़

फल के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • लाभ, वनस्पति में होने वाले गुद्दे से परिपूर्ण वह बीज कोश जो फलों में से उत्पन्न होता है। गणित की किसी क्रिया का परिणाम, उद्देश्य की सिद्धि, त्रैराशिक की तीसरी राशि, सूद क्षेत्रफल, प्रयोजन, गुण प्रभाव, कर्मों का परिणाम, वाण भाले आदि का नुकीला भाग

फल के अवधी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • फल, नतीजा

फल के कन्नौजी अर्थ

  • पेड़-पौधों का गूदेदार बीज कोश. 2 परिणाम, नतीजा. 3. बदला. 4. तीर - बरछी आदि का अग्रभाग. 5. गणित क्रिया से प्राप्त अंक

फल के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • परिणाम नतीजा, फल

क्रिया

  • फेलण, फलना-फूलना, श्रीवृद्धि होना, उन्नति

फल के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • फल

संज्ञा, पुल्लिंग

  • परिणाम, नतीजा; शुभाशुभ कर्मों का भुगतान ; लाभ, प्राप्ति |

Noun, Masculine

  • fruit.

Noun, Masculine

  • result, paying for good or evil deeds, profit, benefit.

फल के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • परिणाम, निष्कर्ष, वृक्षों, बेलों, पौधों पर पैदा होने वाला फल जिसमें गूदा और बीज हो

फल के ब्रज अर्थ

फर

पुल्लिंग

  • आम का फल

    उदाहरण
    . नासा कीर मुकुर कपोल बिब अधरनि, दार्यो-वार्यो दसननि ठोढ़ी अंबफल मैं ।


अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, अकर्मक

  • वृक्ष आदि में फूलों के बाद लगने वाला पदार्थ विशेष । फल।; परिणाम ; कार्य का प्रतिफल , बदला; प्राप्ति , लाभ ; तोर, छुरी आदि का नुकीला अंग ; फलक ; ढाल , ८. ब्याज, ९. जायफल , १०. रणक्षेत्र

    उदाहरण
    . फरकत परे फरप ।

  • ११. बिछौना

    उदाहरण
    . सूल से फूलन के फर पै।

  • वृक्ष का फलों से युक्त होना ; संतान से युक्त होना; शुभ परिणाम प्रकट होना ; इच्छा का पूर्ण होना; गरमी से शरीर के किसी अंग पर दाने आदि निकलना

फल के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • आम आदि वृक्षक खाद्य उपजा
  • क्रियाक परिणाम
  • लाभ
  • छूरी आदिक धारवाला पत्तर

Noun

  • fruit.
  • result.
  • benefit.
  • blade/head of sharp instrument.

फल के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वह वस्तु जो किसी विशिष्ट ऋतु में खेतों में पैदा होती है, परिणाम, लाभ।

अन्य भारतीय भाषाओं में फल के समान शब्द

उर्दू अर्थ :

फल - پھل

नतीजा - نتیجہ

पंजाबी अर्थ :

फल - ਫਲ

गुजराती अर्थ :

फल - ફલ

परिणाम - પરિણામ

कोंकणी अर्थ :

फळ

फळ मेळप

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