फलदान

फलदान के अर्थ :

फलदान के हिंदी अर्थ

हिंदी ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • हिंदुओं की एक रीति जो विवाह होने के पहले उस समय होती है जब कोई व्यक्ति अपनी कन्या का विवाह किसी के लड़के के साथ करना निश्चित करता हैं

    विशेष
    . इसमें कन्या का पिता रुपए, मिठाई, अक्षत, फूल आदि वस्तुएँ लोकप्रथा के अनुसार शुभ मुहूर्त में वर के घर भेजता है । उस समय विवाह निश्चित मान लिया जाता है । इसे वरक्षा भी कहते हैं ।

  • विवाह संबंधी टीके की रसम

फलदान के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • ब्याह पक्का करने के लिए वर को रुपये, कपड़े, फल आदि देकर टीका करने की एक रस्म, तिलक

फलदान के बघेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वरीक्षा की एक रस्म, विवाह की संविदा

फलदान के मगही अर्थ

अरबी ; संज्ञा

  • हिंदुओं का विवाह पक्का करने की एक रस्म जिसमें किसी शुभलग्न में वधूपक्ष की ओर में से नकद, मिठाई और फल आदि दिया जाता है, दे. 'पेसकी', बरछेका

फलदान के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • विवाहक छेका

Noun

  • settlement of marriage solemnised with offering fruits.

फलदान के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • विवाह सम्बन्ध स्थिर करने की एक रस्म जिसमें वर को रुपया नारियल दिया जाता है।

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