फरा

फरा के अर्थ :

  • स्रोत - देशज

फरा के अवधी अर्थ

संज्ञा

  • एक व्यंजन जिसमें चावल का आटा और दाल की पीठी पड़ती है। इसे यम-द्वितीया को अवश्य खाते हैं

फरा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का व्यंजन , फारा

    विशेष
    . इसके बनाने के लिये पहले चावल के आटे को गरम पानी में गूँधकर उसकी पतली बत्तियाँ बटते हैं और फिर उन बत्तियों को उबलते हुए पानी की भाप में पकाते हैं ।

फरा के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • खौलते पानी में या भाप में पकाया हुआ एक व्यंजन

फरा के बघेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • महुए के रस से बनी खीर,गर्मी की दानेदार पड़ी फुड़िया

फरा के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • घी-तेल के बजाय पानी में उबाली पूड़ी, खौलते पानी में सेकी रोटी

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