फेर

फेर के अर्थ :

फेर के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • ओर, दिशा, पार्श्व, तरफ

    उदाहरण
    . सगुन होहिं सुंदर सकल मन प्रसन्न सब केर । प्रभु आगमन जनाव जनु नगर रम्य चहुँ फेर—तुलसी (शब्द॰) ।

  • चक्कर , घुमाव , घूमने की क्रिया दशा या भाव

    उदाहरण
    . ओहि क खंड जस परबत मेरू । मेरुहि लागि होइ अति फेरू । . फेर सों काहे को प्राण निकासत सूधेहि क्यों नहिं लेत निकारी ।

  • मोड , झुकाव
  • परिवर्तन , उलट पलट , रद बदल , कुछ से कुछ होना
  • चालाकी से भरी हुई; चाल या युक्ति
  • बल , अंतर , फर्क , भेद , जैसे—यह उनकी समझ का फेर है

    उदाहरण
    . कबिरा मन दीया नहीं तन करि डारा जेर । अंतर्यामी लखि गया बात कहन का फेर । . मीता । तू या बात को हिथे गौर करि हेर । दरदवंत बेदरद को निसि बासर को फेर । . नदिया एक घाट बहुतेरा । कहैं कबीर कि मन का फेरा ।

  • असमंजस , उलझन , दुबधा , अनिश्चय की दशा , कर्तव्य स्थिर करने की कठिनता , जैसे,—वह बड़े फेर में पड़ गया है कि क्या करे

    उदाहरण
    . घट मँह बकत चकतभा मेरू । मिलहि न मिलहि परा तस फेरू ।

  • धोखे में रखना
  • घाटा सहना; नुकसान
  • भ्रम , संशय , धोखा , जैसे,—इस फेर में न रहना कि रूपया हजम कर लेंगे

    उदाहरण
    . माला फेरत जुग गया गया न मन का फेर । कर का मनका छोड़ के मन का मनका फेर ।

  • चाल का चक्कर , षट्चक्र , चाल- बाजी , जैसे—तुम उसके फेर में मत पड़ना, वहाँ बड़ा धूर्त हैं
  • दिशा; ओर
  • उलझन; झंझट
  • उलझाव , बखेड़ा , जंजाल , प्रपंच , जैसे,—(क) रूपए का फेर बड़ा गहरा होता है , (ख) तुम किस फेर में पड़े हो, जाओ अपना काम देखो

    विशेष
    . इसपर यह कहानी है की दो भाई थे, जिनमें एक दरिद्र और दूसरा धनी था । पहला भाई दरिद्र होने पर भी बड़े सुख चैन से रहता था । उसकी निश्चिंतता देख बड़े भाई को ईर्ष्या हुई । उसने एक दिन धीरे से अपने दरिद्र भाई के घर में निन्नानबे रूपए की पोटली डाल दी । दरिद्र रूपए पाकर बहुत प्रसन्न हुआ, पर गिनने पर उसे मालूम हुआ कि सौ में से एक कम है । तभी से वह सौ रूपए पूरे करने की चींता में रहने लगा और पहले से भी अदिक कष्ट से जीवन बिताने लगा ।

  • किसी के धोखे में फँसने की क्रिया

    उदाहरण
    . ढोंगी पंडित के फेर में पड़कर सोहन ने अपने हज़ारों रुपए गँवा दिए ।

  • युक्ति , उपाय , ढंग , कौशल रचना , तदबीर , डील

    उदाहरण
    . । आज तो तिहारे कूल बसे रहैं रूख मूल, सोई सूल कीबो पैडों रात ही वनायबो । बात है न आरस की रति न सियारस की, लाख फेर एक बार तेरे पार जायबो । . । फेर कछु करि पौरि तें फिरि चितई मुसकाय । आई जामन लेन को नेहे चली जमाय ।

  • अदला बदला , एवज , कुछ लेना और कुछ देना
  • एक बार का घुमाव या घूमने या घूमाने की क्रिया
  • किसी बात, वाक्य आदि में होनेवाला पेचीलापन या जटिलता
  • हानि , टोटा , घाटा , जैसे,—उसकी बातों में आकर मैं हजारों के फेर में पड़ गया
  • भूत प्रेत का प्रभाव , जैसे,—कुछ फेर है इसी से वह अच्छा नहीं हो रहा है
  • व्यर्थ की परेशानी
  • किसी को कुछ और ही या दूसरा समझने की क्रिया या भाव
  • हाँ या ना की स्थिति
  • ऐसी स्थिति जिसमें किसी को अथवा किसी के चारों ओर फिरना पड़ता है, घुमाव, चक्कर, क्रि० प्र०-पड़ना, पद-फेर की बात घुमाव की बात, ऐसी बात जो सीधी या सरल न हो, बल्कि जिसमें घुमाव-फिराव, पेच या चालाकी भरी हो, मुहा०-फेर खाना = सीधे रास्ते से न जाकर घुमाव-फिराववाले रास्ते से जाना

हिंदी ; अव्यय

  • फिर, पुनः, एक बार और

    उदाहरण
    . । सुनि रवि नाउ रतन भा राता । पंडित फेर उहै कहु बाता । . । ऐहे न फेर गई जो निशा तन यौवन है धन की परछाहीं ।


संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • ऋगाल, गीदड़

फेर से संबंधित मुहावरे

फेर के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • a detour, circuitous route
  • turn/turning
  • curvature
  • ambiguity
  • complication

फेर के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • घुमाव, बदला, चक्कर, मोड़ उलझन, संशय, घाटा प्रभाव, युक्त, अन्तर धोखा, ढंग, दिशा, मोर

अव्यय

  • पुनः एक

फेर के अवधी अर्थ

संज्ञा

  • परिवर्तन, पेंच

फेर के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • घुमाव, रास्ते का घुमाव, चक्कर. 2. फर्क, अन्तर. 3. भ्रम. 4. प्रेत-बाधा

फेर के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • भाग्य, दशा, स्थिति

फेर के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चक्कर, घुमाव
  • फिरने या फेरने का भाव, मोड़ जैसे- सड़क का फेर, घाघरी का घेर
  • समझने का फेर या चक्कर

Noun, Masculine

  • complication of thinking.
  • detour, meander, bend, circuitous route, circumference or width of ghagri'.
  • turn, round, circuit.

फेर के बघेली अर्थ

अव्यय

  • बाद में फिर से, पुनः

फेर के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • भूत-प्रेत का व्यक्ति के ऊपर पड़ा प्रभाव, अन्तर

फेर के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • फेरने की क्रिया ; चक्कर ; महत्वपूर्ण परिवर्तन ; भ्रमवश घोला ; उपाय , युक्ति ; झंझट ; ओर , तरफ

अन्य

  • फिर

सकर्मक क्रिया

  • चारों ओर घुमाना; नीचे पर करना; वापस करना, लौटामा ; परिवर्तन करना

फेर के मगही अर्थ

हिंदी ; संज्ञा

  • बखेड़ा, उलझन, भ्रम, संशय; लौटाने, मोड़ने या फेरने की क्रिया या भाव; घुमाव; चक्कर; परिवर्तन; लभेरा; युक्ति; उपाय; चालबाजी, धोखा; फेरबदल, विनिमय, लेनदेन; घाटा, नुकसान, दिशा ओर यथा: चौफेर चारो दिशा; अंतर; फर्क

अव्यय

  • पुन:फिर, एक बार और

फेर के मैथिली अर्थ

क्रिया-विशेषण

  • पुनः, दोबारा

संज्ञा

  • मोड़, घुमान
  • फन्द, झञ्झट
  • चक्कर

Adverb

  • देखिए : 'फेरब'

Noun

  • turning, circiut.
  • trouble, complication.
  • round.

फेर के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • फिरने या फेरने या उलटापुलटा करने या घुमाव फिराव की क्रिया या भाव, चक्कर, बन्दूक का फायर, झंझट, फिर।

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