pher meaning in maithili
फेर के मैथिली अर्थ
क्रिया-विशेषण
- पुनः, दोबारा
संज्ञा
- मोड़, घुमान
- फन्द, झञ्झट
- चक्कर
Adverb
- देखिए : 'फेरब'
Noun
- turning, circiut.
- trouble, complication.
- round.
फेर के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- a detour, circuitous route
- turn/turning
- curvature
- ambiguity
- complication
फेर के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
ओर, दिशा, पार्श्व, तरफ
उदाहरण
. सगुन होहिं सुंदर सकल मन प्रसन्न सब केर । प्रभु आगमन जनाव जनु नगर रम्य चहुँ फेर—तुलसी (शब्द॰) । -
चक्कर , घुमाव , घूमने की क्रिया दशा या भाव
उदाहरण
. ओहि क खंड जस परबत मेरू । मेरुहि लागि होइ अति फेरू । . फेर सों काहे को प्राण निकासत सूधेहि क्यों नहिं लेत निकारी । - मोड , झुकाव
- परिवर्तन , उलट पलट , रद बदल , कुछ से कुछ होना
- चालाकी से भरी हुई; चाल या युक्ति
-
बल , अंतर , फर्क , भेद , जैसे—यह उनकी समझ का फेर है
उदाहरण
. कबिरा मन दीया नहीं तन करि डारा जेर । अंतर्यामी लखि गया बात कहन का फेर । . मीता । तू या बात को हिथे गौर करि हेर । दरदवंत बेदरद को निसि बासर को फेर । . नदिया एक घाट बहुतेरा । कहैं कबीर कि मन का फेरा । -
असमंजस , उलझन , दुबधा , अनिश्चय की दशा , कर्तव्य स्थिर करने की कठिनता , जैसे,—वह बड़े फेर में पड़ गया है कि क्या करे
उदाहरण
. घट मँह बकत चकतभा मेरू । मिलहि न मिलहि परा तस फेरू । - धोखे में रखना
- घाटा सहना; नुकसान
-
भ्रम , संशय , धोखा , जैसे,—इस फेर में न रहना कि रूपया हजम कर लेंगे
उदाहरण
. माला फेरत जुग गया गया न मन का फेर । कर का मनका छोड़ के मन का मनका फेर । - चाल का चक्कर , षट्चक्र , चाल- बाजी , जैसे—तुम उसके फेर में मत पड़ना, वहाँ बड़ा धूर्त हैं
- दिशा; ओर
- उलझन; झंझट
-
उलझाव , बखेड़ा , जंजाल , प्रपंच , जैसे,—(क) रूपए का फेर बड़ा गहरा होता है , (ख) तुम किस फेर में पड़े हो, जाओ अपना काम देखो
विशेष
. इसपर यह कहानी है की दो भाई थे, जिनमें एक दरिद्र और दूसरा धनी था । पहला भाई दरिद्र होने पर भी बड़े सुख चैन से रहता था । उसकी निश्चिंतता देख बड़े भाई को ईर्ष्या हुई । उसने एक दिन धीरे से अपने दरिद्र भाई के घर में निन्नानबे रूपए की पोटली डाल दी । दरिद्र रूपए पाकर बहुत प्रसन्न हुआ, पर गिनने पर उसे मालूम हुआ कि सौ में से एक कम है । तभी से वह सौ रूपए पूरे करने की चींता में रहने लगा और पहले से भी अदिक कष्ट से जीवन बिताने लगा । -
किसी के धोखे में फँसने की क्रिया
उदाहरण
. ढोंगी पंडित के फेर में पड़कर सोहन ने अपने हज़ारों रुपए गँवा दिए । -
युक्ति , उपाय , ढंग , कौशल रचना , तदबीर , डील
उदाहरण
. । आज तो तिहारे कूल बसे रहैं रूख मूल, सोई सूल कीबो पैडों रात ही वनायबो । बात है न आरस की रति न सियारस की, लाख फेर एक बार तेरे पार जायबो । . । फेर कछु करि पौरि तें फिरि चितई मुसकाय । आई जामन लेन को नेहे चली जमाय । - अदला बदला , एवज , कुछ लेना और कुछ देना
- एक बार का घुमाव या घूमने या घूमाने की क्रिया
- किसी बात, वाक्य आदि में होनेवाला पेचीलापन या जटिलता
- हानि , टोटा , घाटा , जैसे,—उसकी बातों में आकर मैं हजारों के फेर में पड़ गया
- भूत प्रेत का प्रभाव , जैसे,—कुछ फेर है इसी से वह अच्छा नहीं हो रहा है
- व्यर्थ की परेशानी
- किसी को कुछ और ही या दूसरा समझने की क्रिया या भाव
- हाँ या ना की स्थिति
- ऐसी स्थिति जिसमें किसी को अथवा किसी के चारों ओर फिरना पड़ता है, घुमाव, चक्कर, क्रि० प्र०-पड़ना, पद-फेर की बात घुमाव की बात, ऐसी बात जो सीधी या सरल न हो, बल्कि जिसमें घुमाव-फिराव, पेच या चालाकी भरी हो, मुहा०-फेर खाना = सीधे रास्ते से न जाकर घुमाव-फिराववाले रास्ते से जाना
हिंदी ; अव्यय
-
फिर, पुनः, एक बार और
उदाहरण
. । सुनि रवि नाउ रतन भा राता । पंडित फेर उहै कहु बाता । . । ऐहे न फेर गई जो निशा तन यौवन है धन की परछाहीं ।
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- ऋगाल, गीदड़
फेर के पर्यायवाची शब्द
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फेर के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- घुमाव, बदला, चक्कर, मोड़ उलझन, संशय, घाटा प्रभाव, युक्त, अन्तर धोखा, ढंग, दिशा, मोर
अव्यय
- पुनः एक
फेर के अवधी अर्थ
संज्ञा
- परिवर्तन, पेंच
फेर के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- घुमाव, रास्ते का घुमाव, चक्कर. 2. फर्क, अन्तर. 3. भ्रम. 4. प्रेत-बाधा
फेर के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- भाग्य, दशा, स्थिति
फेर के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- चक्कर, घुमाव
- फिरने या फेरने का भाव, मोड़ जैसे- सड़क का फेर, घाघरी का घेर
- समझने का फेर या चक्कर
Noun, Masculine
- complication of thinking.
- detour, meander, bend, circuitous route, circumference or width of ghagri'.
- turn, round, circuit.
फेर के बघेली अर्थ
अव्यय
- बाद में फिर से, पुनः
फेर के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- भूत-प्रेत का व्यक्ति के ऊपर पड़ा प्रभाव, अन्तर
फेर के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- फेरने की क्रिया ; चक्कर ; महत्वपूर्ण परिवर्तन ; भ्रमवश घोला ; उपाय , युक्ति ; झंझट ; ओर , तरफ
अन्य
- फिर
सकर्मक क्रिया
- चारों ओर घुमाना; नीचे पर करना; वापस करना, लौटामा ; परिवर्तन करना
फेर के मगही अर्थ
हिंदी ; संज्ञा
- बखेड़ा, उलझन, भ्रम, संशय; लौटाने, मोड़ने या फेरने की क्रिया या भाव; घुमाव; चक्कर; परिवर्तन; लभेरा; युक्ति; उपाय; चालबाजी, धोखा; फेरबदल, विनिमय, लेनदेन; घाटा, नुकसान, दिशा ओर यथा: चौफेर चारो दिशा; अंतर; फर्क
फेर के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- फिरने या फेरने या उलटापुलटा करने या घुमाव फिराव की क्रिया या भाव, चक्कर, बन्दूक का फायर, झंझट, फिर।
फेर के तुकांत शब्द
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