फुरेरी

फुरेरी के अर्थ :

  • स्रोत - हिंदी

फुरेरी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • सींक जिसके सिरे पर हलकी रुई लपेटी हो और जो तेल, इत्र दवा आदि में ड़ुबोकर काम मे लाई जाय
  • सरदी, भय आदि के कारण थरथराहट होना और रोंगटे खड़े होना , रोमांचयुक्त कंप

    उदाहरण
    . रह रहकर शरीर पर फुरेऱी दीड़ जाती थी ।

फुरेरी से संबंधित मुहावरे

  • फुरेरी आना

    झुझुरी होना, सर्दी, डर आदि के कारण कँपकँपी होना

  • फुरेरी लेना

    सर्दी, भय आदि के कारण काँपना, कँपकँपी के साथ रोंगटे खड़े करना, थरथराना

फुरेरी के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • रोमांच युक्त कंपकँपी, रूई लपेटी हुई सींक जो तेल, इत्र आदि में डुबोकर काम में लाई जाती है

फुरेरी के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • सींक या तिनके के सिरे पर लपेटी हुई रुई जिस पर इत्र, तेल आदि चुपड़ा जाय. 2. कँपकँपी. 3. फड़कने का भाव

फुरेरी के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कँपकपी, सींक के सिरे पर दवा आदि लगायी हुई रूई, फुरहरी

फुरेरी के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • रोमांच वाली कंपकंपी, इत्र में डुबाई हुई वह सींक जिसके सिरे पर रुई लिपटी हो।

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