पीतल

पीतल के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

पीतल के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध उपधातु जो ताँबे और जस्ते के संयोग से बनती हैं , कभी कभी इसमें राँगे या सीसे का कुछ अंश मिलाया जाता है

    विशेष
    . यह ताँबे की अपेक्षा कुछ अधिक दृढ़ होती है । इसका व्यवहार बहुधा थाली, कटोरे, गिलास, गगरे, हंडे आदि बरतन बनाने में होता है । देवताओं की मूर्तियाँ, उनके सिंहासन, घंटे अनेक प्रकार के वाद्य, यंत्र, ताले, कलों के कुछ पुरजे और गरीबों के लिये गहने भी पीतल से बनाए जाते हैं । पीतल की चीजें लोहे की चीजों से कुछ अधिक टिकाऊ होती हैं, क्योंकि उनमें मोरचा नहीं लगता । यह पीतल दो प्रकार का होता है—एक कुछ सफेदी लिए पीले रंग का और दूसरा कुछ लाली लिए पीले रंग का । राँगे का भाग अधिक होने से इसमें कुछ सफेदी और सीसे का भाग अधिक होने से लाली आ जाती है । यदि इसमें निकल का मेल दिया जाय तो इसका रंग जर्मन सिलवर के समान हो जाता है । इसपर कलई बहुत अच्छी होती है ।

  • पीला रंग , पीत वर्ण (को॰)

विशेषण

  • पीत वर्ण का, पीला

पीतल के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

पीतल के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • brass

पीतल के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • ताँबे और जस्ते के मेल से बनी पीली उपधातु जिससे बरतन बनते हैं।

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