piiThmard meaning in braj
पीठमर्द के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- साहित्य में नायक के सखाओं का एक प्रकार
- वेश्याओं को नाच-गाना सिखाने वाला उस्ताद
पीठमर्द के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- नायक के चार सखाओं में से एक जो वचनचातुरी से नायिका का मान-मोचन करने में समर्थ हो, यह शृंगार रस के उद्दीपन विभाव विभाव के अंतर्गत है
-
वह नायक जो कुपित नायिका को प्रसन्न कर सके, मान-मोचन में समर्थ नायक
विशेष
. संस्कृत के अधिकांश आचार्यों ने पीठमर्द को नायक का भेद भी माना है परंतु कुछ रसाचायों ने इसकी गणना सखाओं में की है। - अत्यंत धृष्ट नायक, सखा या अत्यंत ढीठ
- नृत्य की शिक्षा देने वाला व्यक्ति, नृत्यगुरु
विशेषण
- बहुत अधिक ढीठ और निर्लज्ज
पीठमर्द के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएपीठमर्द के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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