piraa meaning in braj
पिरा के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, अकर्मक
- किसी अंग का दर्द करना; पीडा अनुभव करना; किसी को दुखी देखकर स्वयं दुखी होना
पिरा के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- बाँस की बड़ी टोकरी जो ऊपर से नीचे तक लगभग एक ही व्यास की होती है
पिरा के तुकांत शब्द
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