पिसना

पिसना के अर्थ :

  • स्रोत - हिंदी

पिसना के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पिसने के लिए तैयार साफ किया हुआ अनाज, खीझ की स्थिति में प्रयुक्त

पिसना के हिंदी अर्थ

अकर्मक क्रिया

  • रगड़ या दबाव से टूटकर महीन टुकड़ों में होना , दाव या रगड़ खाकर सूक्ष्म खंडों में विभक्त होना , चुर्ण होना , चूर होकर धूल सा हो जाना , जैसे, गेहूँ पिसना, मसाला पिसना , संयो॰ क्रि॰—जाना
  • किसी वस्तु का रगड़ने पर चूर्ण के रूप में होना, पिसकर तैयार होनेवाली वस्तु का तैयार होना , जैसे आटा पिसना, पिट्ठी पिसना , संयो॰ क्रि॰— जाना

    उदाहरण
    . गेहूँ पिस गया ।

  • दब जाना , कुचल जाना , जैसे,— पहिए के नीचे पैर पड़ेगा तो पिस जायगा , संयो॰ क्रि॰—उठना , —जाना , ४ ओर कष्ट, दुःख या हानि उठाना , पीड़ित होना , जैसे,— (क) एक दुष्ट के साथ न जाने कितने निरपराध पिस गए , (ख) महाजन के दिवाले से न जाने कितने गरीब पिस गए , संयो॰ क्रि॰—जाना
  • परिश्रम से अत्यंत क्लांत होना , अत्यंत श्रांत एवं शांत होना , पककर बेदम होना, थकावट, कष्ट, व्यथा आदि से शिथिल हो जाना

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पीसना, पीसी जानेवाली चीज गेहूँ आदि

    उदाहरण
    . पिसना पीसै राँड़री पिउ पिउ करै पुकार ।

पिसना के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • पीसकर तैयार होना, कुचल जाना

पिसना के बघेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पिसाई के निमित्त रखा हुआ अनाज, पिसाई का शुल्क

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