पोई

पोई के अर्थ :

पोई के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक लता जिसकी पत्तियों का लोग साग खाते हैं

    विशेष
    . इसकी पत्तियाँ पान की सी गोल पर दल की मोटी होती हैं । इसमें छोटे छोटे फलों के गुच्छे लगते हैं जिन्हें पकने पर चिड़ियाँ खाती हैं । पोई दो प्रकार की होती हैं— एक काले डंठल की, दूसरी हरे डंठल की । बरसात में यह बहुत उपजाती है । पत्तियों का लोग साग खाते हैं । एक जंगली पोई भी होती है जिसकी पत्तियाँ लंबोतरी होती हैं । इसका साग अच्छा नहीं होता । पोई की लता में रेशे होते हैं जो रस्सी बटने के काम में आते हैं । वैद्यक में पोई गरम, रुचिकारक, कफवर्धक और निद्राजनक मानी गई है ।

  • नरम कल्ला , अंकुर
  • ईख का कल्ला , ईख की आँख
  • गेहूँ, ज्वार, बाजरे आदि का नरम और छोटा पौधा , जई
  • गन्ने का पोर
  • घोड़े की एक प्रकार की चाल, दे॰ 'पोइया १'

पोई से संबंधित मुहावरे

पोई के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • अंकुर, गेहूँ आदि का छोटा पौधा, एक प्रकार की लता जिसकी सब्जी बनाई जाती है

पोई के अवधी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • गन्ने की प्रारम्भिक शाखा

  • एक बेल जिसके पत्ते की पकौड़ी बनती है और वे दाल में भी पड़ते हैं

पोई के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक लता जिसमें पान के आकार की मोटे दल की पत्तियाँ लगती हैं, जिसके साग बनता है

पोई के बघेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक प्रकार की भाजी, साग की एक विशेष पत्ती

पोई के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • लता विशेष ; अंकुर

पोई के भोजपुरी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • ईख की गाँठ अथवा अंकुर;

    उदाहरण
    . पोई मत तूड़।

  • एक तरह का साग जिसके पत्ते पान की तरह होते हैं;

    उदाहरण
    . पोई के पकौड़ी बनेले।

Noun, Feminine

  • sugar cane joint or shoot.
  • a green leafy vegetable like betel leaf.

पोई के मगही अर्थ

हिंदी ; संज्ञा

  • एक हरी लता जिसका साग भी बनाकर खाते हैं; उसके पत्ते का पतौड़ा बनता है

पोई के मालवी अर्थ

  • रोटी बनाई, सुई में धागा पिरोया, बना देना, पिरो देना।

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