प्राकृत

प्राकृत के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

प्राकृत के मैथिली अर्थ

विशेषण

  • सहज, स्वाभाविक
  • भौतिक, नैसर्गिक

Adjective

  • natural, normal, usual.
  • physical, environmental.

प्राकृत के अँग्रेज़ी अर्थ

Adjective

  • natural
  • unsophisticated, unprocessed
  • inherent, innate
  • common

प्राकृत के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • बोलचाल की भाषा जिसका प्रचार किसी समय किसी प्रांत में हो अथवा रहा हो, बोलचाल की एक प्राचीन भाषा या आर्यभाषा के मध्ययुग की भाषा, एक भाषा जिसका प्रयोग प्राचीन साहित्य में मिलता है

    उदाहरण
    . जे प्राकृत कवि परम सयाने। भाषा जिन हरिकथा बखाने। . कुछ लोग हिंदी की उत्पत्ति प्राकृत से मानते हैं।

  • एक प्राचीन भाषा जिसका प्रचार प्राचीन काल में भारत में था और जो प्राचीन संस्कृत नाटकों आदि में स्त्रियों, सेवकों और साधारण व्यक्तियों की बोलचाल में तथा अलग ग्रंथों में पाई जाती है, भारत की बोलचाल की भाषाएँ बोलचाल की प्राकृतों से बनी हैं

    विशेष
    . हेमचंद्र ने संस्कृत को प्राकृत की प्रकृति कहकर सूचित किया है कि प्राकृत संस्कृत से निकलती है, पर प्रकृति का यह अर्थ नहीं है। केवल संस्कृत का आधार रखकर प्राकृत व्याकरण की रचना हुई है। पर अनुमान है कि ईसवी सन् से प्रायः 300 वर्ष पहले यह भाषा प्राकृत रूप में आ चुकी थी। उस समय इसके पश्चिमी और पूर्वी दो भेद थे। यह पूर्वी प्राकृत ही पाली भाषा के नाम से प्रसिद्ध हुई (दे॰ 'पाली')। बौद्ध धर्म के प्रचार के साथ इस मागधी या पाली भाषा की बहुत अधिक उन्नति हुई, क्योंकि पहले उस धर्म के सभी ग्रंथ इसी भाषा में लिखे गए। धीरे-धीरे प्राचीन प्राकृतों के विकास से आज से प्रायः 1000 वर्ष पहले देश भाषाओं का जन्म हुआ था। जिस प्रकार संस्कृत भाषा का सबसे पुराना रूप वैदिक भाषा है, उसी प्रकार प्राकृत भाषा का भी जो पूराना रूप मिलता है उसे आर्य प्राकृत कहते हैं। कुछ बौद्ध तथा जैन विद्वानों का मत है कि पाणिनि ने इस आर्य प्राकृत का भी एक व्याकरण बनाया था। पर कुछ लोगों को यह संदेह है कि कदाचित् पाणिनि के समय प्राकृत भाषा का जन्म ही नहीं हुआ था। मार्कंडेय ने प्राकृत के इस प्रकार भेद किए हैं- (1) भाषा (महाराष्ट्रा, शौरसेनी, प्राच्या, आवंती, मागधी, अद्धंमागधी), (2) विभाषा (शाकारी, चांडाली, शावरी, आभीरी, टाक्की, औड्री, द्रविडी), (3) अपभ्रंश, और (4) पैशाची। चूलिका पैशाची आदि कुछ निम्न श्रेणी की प्राकृतें भी हैं। सबसे प्राचीनकाल में मागधी की भाषा पाली के नाम से साहित्य की ओर अग्रसर हुई। बौद्धग्रंथ पहले इसी भाषा में लिखे गए। यह मागधी व्याकरणों की मागधी से पृथक् और प्राचीन भाषा है। पीछे जैनों के द्वारा अर्द्धमागधी और महाराष्ट्री का आदर हुआ। महाराष्ट्री साहित्य की प्राकृत हुई जिसके एक कृत्रिम रूप का व्यवहार संस्कृत के नाटकों में हुआ। इन प्राकृतों से आगे चलकर और घिसकर जो रूप हुआ वह अपभ्रंश कहलाया। इसी अपभ्रंश के नाना रूपों से आजकल की आर्य शाखा की देशभाषाएँ निकली हैं। इसके अतिरिक्त ललितविस्तर में एक प्रकार की और प्राकृत मिलती है जो संस्कृत से बहुत कुछ मिलती जुलती है। प्राकृत भाषा में द्विवचन नहीं है और उसकी वर्णमाला में ऋ, ऋ, लृ, लृ, ऐ और और स्वर तथा श, ष और विसर्ग नहीं हैं।

  • पराशर मुनि के मत से बुध ग्रह की सात प्रकार की गतियों में पहली और उस समय की गति जब वह स्वाती, भरणी और कृत्तिका में रहता है, यह चालीस दिन की होती है और इसमें आरोग्य, वृष्टि, धान्य की वृद्धि और मंगल होता है

विशेषण

  • प्रकृति से उत्पन्न या प्रकृति संबंधी, नैसर्गिक

    उदाहरण
    . भूकंप एक प्राकृत घटना है।

  • भौतिक
  • स्वाभाविक, सहज

    उदाहरण
    . दूसरे का दुख देखकर द्रवित होना प्राकृत प्रतिक्रिया है।

  • साधारण, मामूली
  • सांसारिक, लौकिक
  • नीच, असंस्कृत, अनपढ़, ग्रामीण, फूहड़
  • जो प्रकृति संबंधी हो या प्रकृति का

प्राकृत के ब्रज अर्थ

पराकृत

विशेषण

  • सहज , सामान्य

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