praa.nnyaay meaning in hindi
प्राङ्न्याय के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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वह विवाद जो पहले किसी न्यायालय में निर्णीत हो चुका हो , किसी विबाद का पहले भी किसी न्ययालय में उपस्थित होकर निर्णीत हो चुकना
विशेष
. व्यवहारशास्त्र के अनुसार यह अभियोग का एक प्रकार का उत्तर है जिसके उपस्थित होने पर यह विवाद नहीं चल सकता । यह उत्तर उसी समय दिया जा सकता है जब उपस्थित विवाद के संबंध में पहले ही न्यायलय में निर्णय हो चुका हो । अर्थात् प्रतिवादी कह सकता है कि पहले इस विवाद का निर्णय हो चुका है, फिर से इसका निर्णय होने की आवश्यकता नहीं ।
प्राङ्न्याय के तुकांत शब्द
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