pragativaad meaning in hindi
प्रगतिवाद के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- वह सिद्धांत जिसमें साहित्य को सामाजिक विकास का साधन माना जाता है
-
एक साहित्यिक विचारधारा जिसमें सामाजिक यथार्थ और मार्क्स के आर्थिक क्षेत्र में प्रतिपादित सिद्धांतों के लिए विशेष आग्रह रहता है, सामान्य जनजीवन को साहित्य में व्यक्त करने का सिद्धांत
विशेष
. प्रगतिवाद का आरंभ सन् 1940 के पूर्व ही हो गया था। सामाजिक और आर्थिक उत्पीड़न संबंधों तथा प्रगतिवादी विचारों ने साहित्यकारों को सहज रूप से अपनी ओर आकृष्ट किया, फलतः श्रमिकों, कृषकों और सामाजिक उत्पीड़ितों को केंद्र में रखकर साहित्य की रचना हुई। साहित्यिक विचारधारा के अतिरिक्त प्रगतिवाद जनांदोलन के रूप में भी पनपा और सारे संसार को इसने प्रभावित किया। इस रूप में इसने मानवमुक्ति के लिए संघर्ष किया, अव्यावहारिक प्राचीन संस्कारों और रूढ़ियों के निराकरण तथा समाज की वर्ग-स्थिति को समाप्त करने की चेष्टा की। इस आधुनिक साहित्यिक वाद या सिद्धांत का मुख्य उद्देश्य जनवादी शक्तियों को संगठित करके मार्क्सवाद और भौतिक यथार्थवाद के लक्षित उद्देश्यों की सिद्धि करना है। सामाजिक यथार्थवाद को प्रतिष्ठित करने के कारण ही इसे प्रगतिवाद कहा गया है।
प्रगतिवाद के तुकांत शब्द
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