prakaash meaning in maithili
प्रकाश के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- इजोत
- प्रकटता
- इजोतक स्रोत दीप आदि
Noun
- light.
- exposure, disclosure.
- source of illumination, lamp, etc.
प्रकाश के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- light
- sunshine
- lustre
- chapter of a book
प्रकाश के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
वह जिसके भीतर पड़कर चीजें दिखाई पड़ती हैं , वह जिसके द्वारा वस्तुओं का रूप नेत्रों को गोचर होता है , दीप्ति , आभा , आलोक , ज्योति , चमक , तेज
विशेष
. वैज्ञानिकों के अनुसार जिस प्रकार ताप (ऊष्मा) शक्ति का एक रूप है उसी प्रकार प्रकाश भी । प्रकाश कोई द्रव्य नहीं है जिसमें गुणत्व हो । प्रकाश पड़ने पर भी किसी वस्तु की उतनी ही तोल रहेगी जितनी अँधेरे ��ें थी । प्रकाश के संबंध में इधर वैज्ञानिकों का यह सिद्धांत ( विद्युच्चुंबकीय सिदधांत) है कि प्रकाश एक प्रकार की तरंगवत् गति है जो किसी ज्योतिष्मान् पदार्थ के द्वारा ईथर या आकाशद्रव्य में उत्पन्न होती है और चारों ओर बढ़ती है । जल में यदि पत्थर फेंका जाय तो जहाँ पत्थर गिरता है वहाँ जल में क्षोभ उत्पन्न होता है, जिससे तरंगें उठकर चारों ओर बढ़ने लगती है । ठीक इसी प्रकार ज्योतिष्मान् पदार्थ द्वारा ईश्वर या आकाशद्रव्य में जो क्षोभ उत्पन्न होता है वह प्रकाश की तरंगों के रूप में चलता है । यह आकाशद्रव्य विभु वा सर्वव्यापक पदार्थ है, जो जिस प्रकार ग्रहों और नक्षत्रों के बीच अंतरिक्ष में सर्वत्र भरा है उसी प्रकार ठोस से ठोस वस्तुओं के परमाणुओं और अणुओं के बीच में भी । अतः प्रकाश का वाहक यथार्थ में यही आकाशद्रव्य समझा जाता है । प्रकाशतरंगों की गति कल्पनातीत अधिक है । वे एक सेकड में १८६२७२ मील या ९३१३६ कोस के हिसाब से चलती हैं । प्रकाश की जो करनें निकलती हैं, यद्यापि वे सब की सब एक ही गति से गमन करती हैं तथापि तरंगों की लंबाई के कारण उनमें भेद होता है । तरंगें भिन्न भिन्न लंबाई की होती हैं । इससे किसी एक प्रकार की तरंगों से बनी हुई किरनें दूसरे प्रकार की तरंगों से बनी हुई किरनों से भिन्न होती हैं । यही भेद रंगों के भेद का कारण है । (दे॰ 'रंग') । जैसे जिस तरंग की लंबाई - ००००१६ इंच होती है वह बैंगनी रंग देती है, जिसकी लंबाई
- ००००२४ इंच होती है वह लाल रंग देती है , इसी प्रकार अनंत भेद हैं, जिनमें से कुछ ही पुराने तत्वविदों ने प्रकाश को कणिकामय वस्तु के रूप में माना था, पर पीछे वह विद्युच्चुंबकीय तरंगों के रूप का माना गया; परंतु प्रकाश संबंधी कुछ घटनाएँ ऐसी हैं जिनका समाधान विद्युच्चुबंकीय तरंग सिदधांत से नहीं हो सकता है , अतः एक दूसरे सिदधांत 'क्वाटम सिदधांत' का सहारा लेना पड़ा है , इस सिदधांत में एक नवीन प्रकार की कणिका का प्रतिपादन हुआ है , इसे 'फोटाँन' नाम दिया गया है , यह कणिका द्रव्य नहीं है , यह पुंजित ऊर्जा है , प्रत्येक फोटाँन में ऊर्जा का परिमाण प्रकाशतंरंग की आवृत्ति का अनुपाती होता है , इस फोटाँन सिदधांत से उन सभी घटनाओं का पूरा पूरा समाधान हो जाता है जिनका विद्युच्चुबंकीय तरंग सिद्घांत से न हो सका था , दूसरे शब्दों में न्यूटन द्वारा प्रतिपादित कणिका सिदधांत का यह नवीन कणिकामय रूप है
- विकास , स्फुटन , विस्तार , अभिब्यक्ति
- प्रकटन , प्रकट होना , गोचर होना , देखने में आना
- प्रसिद्धि , ख्याति
- स्पष्ट होना , खुलना , साफ समझ में आना
- घोड़े की पीठ पर की चमक
- हास , हँसी ठट्ठा
- किसी ग्रंथ या पुस्तक का विभाग ९
- धूप , घाम
- कास्य धातु (को॰)
विशेषण
- प्रकाशित, जगमगाता हुआ, दीप्त
- विकसित, स्फुटित
- प्रकट, प्रत्यक्ष, गोचर
- अति प्रसिद्ध, ख्यात, सर्वत्र जाना सुना हुआ
- स्पष्ट, समझ में आया हुआ
प्रकाश के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएप्रकाश के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएप्रकाश के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- तेज, आलोक, उजेला, स्पष्ट होना, प्रकट होना, आविर्भाव
प्रकाश के ब्रज अर्थ
प्रकास, प्रकासा, प्रगास
संज्ञा, पुल्लिंग
- तेज ; उजाला; आतप , धूप ; प्रकट , प्रत्यक्ष
अकर्मक क्रिया
-
प्रकाशित होना , चमकना
उदाहरण
. जाकैं उदय अनेक प्रकासत।
प्रकाश के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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