प्रमेह

प्रमेह के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

प्रमेह के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक रोग जिसमें मूत्रमार्ग से शुक्र तथा शरीर की और धातुएँ निकला करती हैं, धातु गिरने का रोग

    विशेष
    . सुश्रुत के अनुसार दिन को सोने, काम न करने, बराबर आलस्य में पड़े रहने, शीतल स्निग्ध वस्तुएँ और मीठी वस्तुएँ बहुत अधिक खाने से यह रोग हो जाता है। हाथ-पैर में जलन, शरीर का भारी रहना, मूत्र श्वेत और मीठा लिए होना, आलस्य और प्यास, तालू, दाँत, जीभ आदि में मैल जमना, प्रमेह के पूर्वलक्षण हैं। वैद्यक में २० प्रकार के प्रमेह गिनाए गए हैं जिनमें से उदकमेह, इक्षुमेह, सोद्रमेह, सुरामेह, पिष्टमेह, शुक्रमेह, सिकतामेह, शीतमेह, शनैर्मेह और लालमेह तो कफज हैं; क्षारमेह, नीलमेह, कालमेह, हरिद्रामेह, मांजिष्ठमेह और रक्तमेह पित्तज हैं और वसामेह, मज्जामेह, क्षौद्रमेह और हस्तिमेह वातज हैं। सब प्रकार के प्रमेह चिकित्सा न होने पर मधुमेह हो जाते हैं जिसमें मिठास लिए मधु सा गाढ़ा मूत्र निकलता है। इस रोग में रोगी या तो बहुत दुर्बल हो जाता है या बहुत मोटा। इस प्रकार सूजाक और बहुमूत्र प्रमेह रोग के अंतर्गत ही आ जाते हैं। यद्यपि डॉक्टरी चिकित्सा में ये भिन्न-भिन्न रोग माने गए हैं।

    उदाहरण
    . उसे प्रमेह हो गया है।

  • एक रोग जिसमें थोड़ी-थोड़ी देर पर पेशाब लगने लगता है तथा जिसमें शरीर की शुक्र आदि धातुएँ पेशाब के रास्ते गिरा करती हैं

प्रमेह के पर्यायवाची शब्द

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प्रमेह के यौगिक शब्द

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प्रमेह के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • any urinary disease

प्रमेह के अवधी अर्थ

परमेह

संज्ञा, पुल्लिंग

  • प्रमेह, धातु-परमेह, प्रमेह का रोग

प्रमेह के मैथिली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मधुमेह

Noun, Masculine

  • diabetes

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