प्रमेय

प्रमेय के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

प्रमेय के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • a theorem, probandum

प्रमेय के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • जो प्रमाण का विषय हो सके, वह जिसका बोध करा सकें
  • जिसका मान बताया जा सके, जिसका अंदाज़ करा सकें
  • अवधार्य, अवधारण योग्य, जिसका निर्धारण कर सकें

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वह जो प्रमाण या यथार्थ ज्ञान का विषय हो, वह जिसका बोध प्रमाण द्वारा करा सकें, वह वस्तु या बात जिसका यथार्थ ज्ञान हो सके

    विशेष
    . ज्ञान का विषय बहुत सी वस्तुएँ हो सकती हैं पर न्याय दर्शन में गौतम ने उन्हीं वस्तुओं को प्रमेय के अंतर्गत लिया है जिनके ज्ञान से मोक्ष या अपवर्ग की प्राप्ति होती है। ये बारह हैं- आत्मा, शरीर, इंद्रिय, अर्थ, बुद्धि, मन, प्रवृत्ति, दोष, प्रेत्यभाव, फल, सुख और अपवर्ग। यद्यपि वैशेषिक के द्रव्य गुण, कर्म सामान्य, विशेष और समवाय सब पदार्थ ज्ञान के विषय हैं तथापि न्याय में गौतम ने बारह वस्तुओं का ही प्रमेय के अंतर्गत विचार किया है।

  • ग्रंथ का अध्याय या परिच्छेद
  • गणित या ज्यामिति में कोई ऐसी बात जो प्रमाणित या सिद्ध की जाने वाली हो

प्रमेय के ब्रज अर्थ

विशेषण

  • प्रामाणिक

    उदाहरण
    . तहिं प्रतीप उपमा कहत भूषन ग्रंथ प्रमेय ।

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