प्रत्यय

प्रत्यय के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

प्रत्यय के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • विश्वास , एतबार , यकीन

    उदाहरण
    . यदि पूरा प्रत्यय न हो तुम्हें इस जन पर, तो चढ़ सकते हैं राजदूत तो घन पर ।

  • प्रमाण , सबूत

    उदाहरण
    . प्रभु की नाममुद्रिका देकर परिचय, प्रत्यय, धैर्य दिया ।

  • विचार , खयाल , भावना
  • ज्ञान , बुद्धि , समझ
  • व्याख्या , शरह
  • कारण , हेतु
  • आवश्यकता , जरूरत
  • प्रख्याति , प्रसिद्धि ९
  • चिह्न , लक्षण
  • निर्णय , फैसला
  • संमति , राय
  • स्वाद , जायका
  • सहायक , मददगार
  • विष्णु का एक नाम
  • वह रीति जिसके द्वारा छंदों के भेद और उनकी संख्या जानी जाय

    विशेष
    . छंदःशास्त्र में ९ प्रत्यय हैं—(१) प्रस्तार, (२) सूची, (३) पाताल, (४) उद्दिष्ट, (५) नष्ट, (६) मेरु, (७) खंड- मेरु, (८) पताका और (९) मर्कटी ।

  • व्याकरण में वह अक्षर या अक्षरसमूह जो किसी धातु या मूल शब्द के अंत में, उसके अर्थ में कोई विशेषता उत्पन्न करने के उद्देश्य से लगाया जाय , जैसे, 'बड़ा' (शब्द) अथवा 'लड़ना' के 'लड़' (धातु) के अंत में जोड़ा जानेवाला 'आई' शब्दसमूह (जिसके जोड़ने से 'बड़ाई' )या 'लड़ाई' 'शब्द' बनता है) प्रत्यय है

    विशेष
    . इसी प्रकार मूर्खता में 'ता' लड़कपन में 'पन', शीतल में 'ल', दयालु में 'लु', अक्षरशः में 'शः' बिकाऊ में 'आऊ', उठान में 'आन', घुमाव में 'आव' आदि प्रत्यय हैं । उपसर्ग क्रियापदों या शब्दों के आदि में और प्रत्यय अंत में लगता है अतः इसे परसर्ग भी कहते हैं ।

  • छेद , छिद्र , रंध्र (को॰)

प्रत्यय के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

प्रत्यय के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • विश्वास , मत ; प्रमाण ; विचार ; ज्ञान ; व्याकरण में वह अक्षर या अक्षर समूह, जो शब्दों के अंत में लगकर अर्थ का विकास करता है

प्रत्यय के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • विश्वास, प्रतीति
  • अनुभव, बोध
  • व्याकरणमे शब्दक अन्तमे लगनिहार रचनाङ्ग

Noun

  • confidence, belief.
  • perception.
  • suffix, case ending.

अन्य भारतीय भाषाओं में प्रत्यय के समान शब्द

उर्दू अर्थ :

यक़ीन - یقین

लाहिक़ा - لاحقہ

पंजाबी अर्थ :

विशवास - ਵਿਸ਼ਵਾਸ

पिछेत्तर - ਪਿਛੇੱਤਰ

गुजराती अर्थ :

विश्वास - વિશ્વાસ

भरोसो - ભરોસો

प्रत्यय - પ્રત્યય

कोंकणी अर्थ :

विश्वास

प्रत्यय

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