पुखराज

पुखराज के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - पुखराग

पुखराज के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • नवरत्नों में से एक रत्न, पुष्पराग

पुखराज के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • a topaz

पुखराज के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का रत्न या बहुमूल्य पत्थर जो प्रायः पीला होता है पर कभी-कभी कुछ हल्का नीलापन या हरापन लिए भी होता है

    विशेष
    . पुखराज नौ प्रकार के रत्नों में से एक ऐसा रत्न है, जो धारण किए जाने पर बृहस्पति ग्रह का दोष हरता है। अन्य आठ रत्न ये हैं—मोती, हीरा, लहसुनिया, पद्मराग, गोमेद, नीलम, पन्ना और मूँगा। पुखराजअल्युमीनियम का एक प्रकार का सैकत छार है। यह हीरे से भारी पर कम कड़ा होता है। पुखराज अधिकतर ग्रेनाइट की चट्टानों और कभी-कभी ज्वालामुखी पर्वतों की दरारों में मिलता है। कार्नवाल (ईंगलैंड), स्काटलैंड, ब्रैजिल, मैक्सिको, साइबेरिया और अमेरिका के संयुक्त राज में यह पाया जाता है। ब्रैजिल का गहरे पीले रंग का पुखराज सबसे अच्छा माना जाता है। यों तो भारतवर्ष तथा और पूर्वी देशों में भी यह थोड़ा बहुत पाया जाता है।

पुखराज के पर्यायवाची शब्द

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पुखराज के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पुष्यपराग मणि, एक पीले रंग का रत्न

पुखराज के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का पीला रत्न।

पुखराज के तुकांत शब्द

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