punDra meaning in hindi
पुंड्र के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक प्रकार का (विशेषतः लाल) ईख, पौंढ़ा
- बलि के पुत्र एक दैत्य का नाम जिसके नाम पर एक प्राचीन देश का नाम पड़ा
- अतिमुक्तक, तिनिश वृक्ष
- माधवी लता
- ह्वस्व प्लक्ष, पाकर, पक्कड़
- श्वेत कमल
-
चंदन केसर आदि की रेखाओं से शरीर पर बनाया हुआ चिह्न या चित्र, तिलक, टीका
उदाहरण
. ऊर्ध्वपुंड्र। - तिलक वृक्ष
- कीड़ा, कीट, कृमि
- भारत के एक भाग का प्राचीन नाम जो इतिहास पुराणादि में मिलता है, महाभारत के अनुसार अंग, बंग, कलिंग, पुंड्र और सुह्म, बलि के इन पाँच पुत्रों के नाम पर देशों के नाम पड़े
-
एक प्राचीन जाति
विशेष
. इस जाति का उल्लेख ऐतरेय ब्राह्मण में इस प्रकार है- विश्वामित्र के सौ पुत्रों में से पचास तो नधुच्छदा से बड़े और पचास छोटे थे। विश्वामित्र ने जब शुन शेप का अभिषेक किया तब ज्येष्ठ पुत्र बहुत असंतुष्ट हुए। इस पर विश्वामित्र ने उन्हें शाप दिया कि तुम्हारे पुत्र अंत्यज होगे। अंघ्र, पुंड्र, शवर, मुतिव इत्यादि उन्ही पुत्रों के वंशज हुए जिनकी गिनती दस्युओं में हुई। महाभारत में एक स्थान पर यवन, किरात, गांधार, चीन, शवर आदि दस्यु जातियों के साथ पौंड्रकों का नाम भी है, पर दूसरे स्थान पर 'पौंड्रकों' और सुपुंड्रकों में भेद किया है। पौंड्रकों और पुंड़्रों को तो अंग, बंग, गय आदि के साथ शास्त्रधारी क्षत्रिय लिखा है जिन्होंने युधिष्ठिर के लिए बहुत साधन इकट्ठा किया था। उनके जाने पर युधिष्ठिर के द्वारपाल ने उन्हें नहीं रोका था। पर बंग, कलिंग, मगध, ताम्रलिप्त आदि के साथ सुपुंड्रकों को द्वारपाल द्वारा रोका जाना लिखा है जिससे वे वृषलत्वप्राप्त क्षत्रिय जान पड़ते हैं। मनुस्मृति में जिन पौंड्रकों का उल्लेख है वे भी संस्कारभ्रष्ट क्षत्रिय थे जो मलेच्छ हो गए थे। इससे पौंड्र या पुंड्र सुपुंड्रों से भिन्न और क्षत्रिय प्रतीत होते हैं। महाभारत कर्णपर्व में भी कुरु, पांचाल, शाल्व, मत्स्य, नैनिष, कलिंग, मागध आदि शाश्वत धर्म जानने वाले महात्माओं के साथ पौंड्रों का भी उल्लेख है। आदिपर्व में बलि के पाँच पुत्रों (अंग, बंग आदि) में जिस पुंड्र का नाम है उसी के वंशज संभवतः ये पुंड्र या पौड्र हों। ब्रह्मांड और मत्स्य पुराण के अनुसार पुंड्र लोग प्राच्य (पूरबी भारत के) थे, पर विष्णु पुराण में और मार्कंडेय पुराण में उन्हें दाक्षिणात्य लिखा है।
पुंड्र के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएपुंड्र के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएपुंड्र के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा