puraaN meaning in hindi
- टैग - पौराणिक कथा
पुराण के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; विशेषण
- पुरातन, प्राचीन, जैसे पुराण पुरुष
- अधिक आयु का, अधिक उम्र का
- जीर्णा
- बहुत अधिक अवस्था या वय वाला, वृद्ध, बुड्ढा
- बहुत प्राचीन काल का, बहुत पुराना, पुरातन, जैसे-पुराण पुरुष
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- प्राचीन घटना या उसका वृत्तांत
- प्राचीन आख्यान , पुरानी कथा , सृष्टि, मनुष्य, देवों, दानवों, राजाओं, महात्माओं आदि के ऐसे वृत्तांत जो पुरुषपरंपरा से चले आते हों
- सृष्टि की उत्पत्ति, लय, मन्वंतरों, प्राचीन ऋषि-मुनियों तथा राजाओं के वंश में उत्पन्न लोगों के चरित्रों के वर्णन से युक्त शास्त्र, जिनकी संख्या अठारह है
- एक प्रकार का पुराना सिक्का; कार्षापण
-
हिंदुओं के धर्मसंबंधी आख्यानग्रंथ जिनमें सृष्टि, लय, प्राचीन ऋषियों, मुनियों और राजाओं के वृत्तात आदि रहते हैं , पुरानी कथाओं की पोथी
विशेष
. पुराण अठारह हैं । विष्णु पुराण के अनुसार उनके नाम ये हैं—विष्णु, पद्य, ब्रह्म, शिव, भागवत, नारद, मार्कंडेय, अग्नि, ब्रह्मवैवर्त, लिंग, वाराह, स्कंद, वामन, कूर्म, मत्स्य, गरुड, ब्रह्मांड और भविष्य । पुराणों में एक विचित्रता यह है कि प्रत्येक पुराण में अठारहो पुराणों के नाम और उनकी श्लोकसंख्या है । नाम और श्लोकसंख्या प्रायः सबकी मिलती है, कहीं कहीं भेद है । जैसे कूर्म पुराण में अग्नि के स्थान में वायुपुराण; मार्कंडेय पुराण में लिंगपुराण के स्थान में नृसिंहपुराण; देवीभागवत में शिव पुराण के स्थान में नारद पुराण और मत्स्य में वायुपुराण है । भागवत के नाम से आजकल दो पुराण मिलते हैं—एक श्रीमदभागवत, दूसरा देवीभागवत । कौन वास्तव में पुराण है इसपर झगड़ा रहा है । रामाश्रम स्वामी ने 'दुर्जनमुखचपेटिका' में सिद्ध किया है कि श्रीमदभागवत ही पुराण है । इसपर काशीनाथ भट्ट ने 'दुर्जनमुखमहाचपेटिका' तथा एक और पंडित ने 'दुर्जनमुखपद्यपादुका' देवीभागवत के पक्ष में लिखी थी । पुराण के पाँच लक्षण कहे गए हैं— सर्ग, प्रतिसर्ग (अर्थात् सृष्टि और फिर सृष्टि), वंश, मन्वंतर और वंशानुचरित्—'सर्गश्च, प्रतिसर्गश्च, वंशो, मन्वंतराणि च । वंशानुचरितं चैव पुराणं पंचलक्षणम् ।' - अठारह की संख्या
- बहुत पुराना होने के कारण जीर्ण-शीर्ण
- शिव
-
हिंदुओं के वे अठारह धार्मिक आख्यान या धर्मग्रंथ जिनमें सृष्टि की उत्पत्ति,लय और प्राचीन ऋषियों तथा राजवंशों आदि के वृत्तांत और देवी-देवताओं,तीर्थों के माहात्म्य हैं
उदाहरण
. पुराण हिन्दुओं के प्राचीन धर्मग्रंथ हैं । - कार्षापण , एक पुराना सिक्का
पुराण के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएपुराण के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएपुराण के अँग्रेज़ी अर्थ
Adjective
- ancient, old
Noun, Masculine
- ancient Hindu mythological scriptures, eighteen in number, viz. विष्णु, पद्म, ब्रह्म, शिव, भागवत, नारद, मार्कंडेय, अग्नि, ब्रह्मवैवर्त, लिंग, वराह, स्कंद, वामन, कूर्म, मत्स्य, गरूड़, ब्रह्मांड, and भविष्य
पुराण के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- पुरानी कथा, हिन्दुओं के धर्म सम्बंधी आख्यान ग्रंथ जिसमें संसार की सृष्टि लय
विशेषण
- प्राचीन, पुराना
पुराण के कुमाउँनी अर्थ
पुरा्ण
विशेषण
- पुराना, प्राचीन, अव- धिगत
पुराण के गढ़वाली अर्थ
पुराण'
संज्ञा, विशेषण, पुल्लिंग
- प्राचीन, पुरातन; हिन्दुओं के धर्म एवं संस्कृति सम्बन्धी ग्रन्थ
- ज्ञान या अनुभव न होते हुए भी किसी कार्य मे दखल देना,
संज्ञा, विशेषण, पुल्लिंग
- अनावश्यक हस्तक्षेप या होना, 2. इच्छा या क पहल करने वाला
Noun, Adjective, Masculine
-
old, primeval, ancient; ancient text in Sanskrit, dealing with history,legend mythology and theology.
उदाहरण
. क्य छै तु पुराण बण्यूं
Noun, Adjective, Masculine
- unwanted initiator,interferer.
पुराण के बुंदेली अर्थ
पुरान
संज्ञा, पुल्लिंग
- पुराण, विशेष रूप से भागवत, महा पुराण
पुराण के ब्रज अर्थ
पुरान
विशेषण, पुल्लिंग
- पुराना वृत्तांत ; अष्टादश पुराण
- पुरातन ; वृद्ध
पुराण के मगही अर्थ
पुरान
अरबी ; संज्ञा
- (पुराण) पुराण, हिन्दुओं की धार्मिक कथाओं की अठारह पुस्तकें, यथा: भावगत, विष्णु, शिव, ब्रह्म, पद्म, नारद, अग्नि, लिंग, मार्कण्डेय, ब्रह्मा वैवर्त्त, बाराह, बामन, कूर्म, मत्स्य, गरुड़, ब्रह्मांड, स्कंद और भविष्य, परंपरा से प्राप्त धार्मिक कथाएँ
हिंदी ; विशेषण
- पुराना, जो नया न हो, पुराने जमाने का
पुराण के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- संस्कृत-साहित्यक ओ आर्ष ग्रन्थसभ जाहिमे पुरावृत्त आ पारम्परिक ज्ञान सङ्कलित अछि
Noun
- traditional books of Indo-Aryan mythology.
पुराण के तुकांत शब्द
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