puru meaning in braj
पुरु के ब्रज अर्थ
विशेषण, पुल्लिंग
- विपुल , बहुत अधिक
- देवलोक ; एक दैत्य ; एक पर्वत; पुष्प-पराग ; शरीर ; एक राजा
पुरु के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- देवलोक , स्वर्ग
- एक दैत्य जिसे इंद्र ने मारा था
- पराग
- एक प्राचीन पर्वत, एक पर्वत
- शरीर
- बृहत्संहिता के अनुसार एक देश
-
एक प्राचीन राजा जो नहुष के पुत्र ययाति के पुत्र थे
विशेष
. पुराणों में ययाति चंद्रवंश के मूल पुरुषों में थे । ययाति की दो रानियाँ थीं । एक शुक्राचार्य की कन्या देवयानी, दूसरी शर्मिष्ठा । देवयानी के गर्भ से यदु और तुर्वसु तथा शर्मिष्ठा के गर्भ से द्रुह्यु, अनु और पुरु हुए । इन नामों का उल्लेख ऋग्वेद में है । पुरु के बड़े भारी विजयी और पराक्रमी होने की चर्चा भी ऋग्वेद में है । एक स्थान पर लिखा है— 'हे वैश्वानर ! जब तुम पुरु के समीप पुरियों का विध्वंस करके प्रज्वलित हुए तब तुम्हारे भय से असिक्नी (असिक्नीर- सितवर्णाः—सायण; अर्थात् असिक्नी या चेनाब के किनारे के काले अनार्य दस्यु) भोजन छोड़ छोड़कर आए' । एक स्थान पर और भी है—'हे इंद्र ! तुम युद्ध में भूमिलाभ के लिये पुरुकुत्स के पुत्र त्रसदस्यु और पुरु की रक्षा करो ।' इसका समर्थन एक और मंत्र इस प्रकार करता है—'हे इंद्र ! तुमने पुरु और दिवोदास राजा के लिये नब्बे पुरों का नाश किया है ।' - पंजाब का एक राजा जो ईसा से ३२७ वर्ष पहले सिकंदर से लड़ा था , पोरस
क्रिया-विशेषण, विशेषण
- अधिक, बहुत से, कई
- अकसर, बारबार, पुनः पुनः
पुरु के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- मकान की मंजिल, तल
- एक मंजिला, दो मंजिला
Noun, Masculine
-
storey, floors of the house.
उदाहरण
. एक पुरु,द्वी पुरु
पुरु के तुकांत शब्द
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