purushmedh meaning in hindi
पुरुषमेध के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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एक वैदिक यज्ञ जिसमें नरबलि अर्थात् मनुष्य की बलि दी जाती थी
विशेष
. इस यज्ञ के करने का अधिकार केवल ब्राह्मण और क्षत्रिय को था। यह यज्ञ चैत्र मास की शुक्ला दशमी से प्रारंभ होता था और चालीस दिनों में होता था। इस बीच में 23 दीक्षा, 12 उपसत् और 5 सूत्या होती थी। इस प्रकार यह 40 दिनों में समाप्त होता था। यज्ञ के समाप्त हो जाने पर यज्ञकर्ता वानप्रस्थाश्रम ग्रहण करता था। इसका विधान शुक्ल यजुर्वेद के तेईसवें अध्याय तथा शतपथ ब्राह्मण में है।
पुरुषमेध के तुकांत शब्द
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