पूरना

पूरना के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

पूरना के हिंदी अर्थ

सकर्मक क्रिया

  • कमी या त्रुटि को पूरा करना, किसी ख़ाली जगह को भरना, पूर्ति करना

    उदाहरण
    . दादू पूरणहारा पूरसी जो चित रहसी ठाँम। अंतर थे हरि उमगसी सकल निरतंर राम।

  • ढाँकना, किसी वस्तु को किसी वस्तु से आच्छादित कर छारन पूरत
  • (मनोरथ) सफल करना, सिद्ध करना, (मनोरथ) पूर्ण करना

    उदाहरण
    . सिद्ध गणेश मनावहिं विधि पूरे मन काज।

  • मंगल अवसरों पर आटे, अबीर आदि से देवताओं के पूजन आदि के लिए चौखूँटे क्षेत्र आदि बनाना, चौक बनाना, जैसे- चौक पूरना

    उदाहरण
    . साजा पाट छत्र के छाँहाँ। रतन चौक पूरी तेहि माहाँ।

  • तागों, तारों आदि को एक में मिलाकर इस प्रकार मरोड़ना कि वे मिलकर रस्सी आदि के रूप में एक हो जाएँ, बटना

    उदाहरण
    . दादाजी जगत पर बैठकर रस्सी बट रहे हैं। . सेवई पूरना, तागा पूरना।

  • फूँकना, बजाना

    उदाहरण
    . तेहिं वियोग सिंगी नित पूरी। बार बार किंगरी भई झूरी। . किंगरी गहे बजावै झूरी। भोर साँझ सिंगी नित पूरी।


अकर्मक क्रिया

  • पूर्ण होना, भर जाना, व्याप्त हो जाना

    उदाहरण
    . परगट गुपुत सकल महँ पूरि रहा सो नाउँ। जहँ देखों वह देखों दूसर नहिं कर जाउँ।

पूरना के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पूर्ति करना, मनोरथ सिद्ध करना, मंगल अवसरों पर भूमि पर अबीर आटे से चौखूट क्षेत्र बनाना, बहना, पूर्ण या व्याप्त होना

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