कहवा

कहवा के अर्थ :

  • स्रोत - अरबी

कहवा के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • एक पेड़ के बीज जिन्हें भूनकर उनसे बनाया हुआ चाय की तरह का पेय पदार्थ

सकर्मक क्रिया

  • कहलाना

कहवा के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • coffee

कहवा के हिंदी अर्थ

क़हवा, कहुआ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पेड़ का बीज

    विशेष
    . यह पेड़ अरब, मिस्त्र, हबस आदि देशो में होता है । इसकी खेती भी उन देशों में में की जाती है । पेड़ सोलह से अठारह फुट तक ऊँचा होता है, पर फल तोड़ने के सुभीते के लिये इसे आठ नौ फुट से अधिक बढ़ने नहीं देते और इसकी फुनगी कुतर लेते हैं । इसकी पत्तियाँ दो दो आमने सामने होती हैं । पेड़ का तना सीधा होता है जिसपर हलके भूरे रंग की छाल होती है । फरवरी मार्च में पत्तियों की जड़ों में गुच्छे के गुच्छे सफेद लंबे फूल लगते हैं, जिसमें पाँच पंखुड़ियाँ होती हैं । फूल की गंध अच्छी होती है । फूलों के झड़ जाने पर मकोय के बराबर फल गुच्छों में लगते हैं । फल पकने पर लाल रंग के हो जाते हैं । गूदे के भीतर पतली झिल्ली में लिपटे हुए बीज होते है । पकने पर फल हिलाकर ये गिरा लिए जाते हैं । फिर उन्हें मलकर बीज अलग किए जाते हैं । फिर बीजों को भूनते हैं और उनके छिलके अलग करते हैं । इन्ही बीजों को पीसकर गरम पानी में दूध आदि मिलाकर पीते हैं । अरब आदि देशों में इसके पीने की बहुत चाल है । युरोप में भी चाय के पहुँचने के पूर्व इसकी प्रथा थी । हिंदुस्तान में इसका बीज पहले पहल दो ढाई सौ वर्ष हुए, मैसूर में बाबा बूढ़न लाए थे । वे मक्का गए थे, वही से सात दाने छिपाकर ले आए थे । अब इसकी खेती हिंदुस्तान में कई जगह होती है । इसके लिये गरम देश की बलुई दोमट भूमि अच्छी होती है तथा सब्जी, हड्डी, खली आदि की खाद उपकारी होत है । इसके बीज को पहले अलग बोते हैं । फिर एक साल के बाद इसे चार से आठ फुट की दुरी पर पंक्तियों में बैंठाते हैं । तीसरे वर्ष इसकी फुनगी कपट दी जाती है जिससे इसकी बाढ़ बंद हो जाती है । इसके लिये अधिक वृष्टि तथा वायु हानिकारक होती है । बहुत तेज धूप में इसे बाँसों की टट्टियों से छा देते हैं या इसे पहले ही से बड़े बड़ें पेड़ों के नीचे लगाते हैं । सुमात्रा में इसकी पत्तियों को चाय की तरह उबालकर पीते हैं । मुख्खा का कहवा बहुत अच्छा माना जाता है । भारत में कहवे की खेती नीलगिरि पर होती है । भारत कि सिवाय लंका, ब्राजील, मध्य अमेरिका आदि में भी इसकी खेती होती है। कहवा पीने में कुछ उत्तेजक होता है।

  • कहवे का पेड़
  • कहवा के बीजों से बना हुआ शरबत
  • एक पेड़ का बीज जिसका चूर्ण चाय की तरह पिया जाता है

    उदाहरण
    . दिनेश बाज़ार से क़हवा ख़रीद कर लाया।

  • चाय की तरह का एक पेय पदार्थ

    उदाहरण
    . वह कहवा पी रही है।

  • चाय की तरह का एक पेय पदार्थ; एक झाड़ी का बीज जिसके चूरे को चाय की तरह इस्तेमाल किया जाता है; कॉफ़ी
  • एक प्रकार का क्षुप जिसके सफेद फूलों में से निकले हुए दानों या बीजों से एक प्रकार का पेय बनता है

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