राधा

राधा के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

राधा के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वृषभानु की पुत्री, कृष्ण की प्रेयसी. 2. वैशाख की पूर्णिमा

राधा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वैशाख की पूर्णिमा
  • प्रीति , अनुराग , प्रेम
  • धृतराष्ट्र के सारथी अधिरथ की पत्नी का नाम

    विशेष
    . इसने कर्ण पुत्रवत् पाला था । इसी कारण से कर्ण का एक नाम 'राधेय' भी था ।

  • वृषभानु गोप की कन्या और श्रीकृष्ण की प्रेयसी

    विशेष
    . श्रीमद् भागवत में राधा का कोई उल्लेख नहीं है । पर ब्रह्मवैवर्त देवीभागवत, आदि में राधा का वर्णन मिलता है । इन पुराणों में राधा के जन्म और जीवन के संबंध में भिन्न भिन्न कथाएँ दी गई हैं । कहीं लिखा है कि ये श्रीकृष्ण के बाएँ अंग से उत्पन्न हुई थी और कहीं गोलोकधाम के रासमंडल में इनका जन्म लिखा है । यह भी कहा जाता है कि ये जन्म लेते ही पूर्ण वयस्का हो गई थीं । श्रीकृष्ण के साथ इनका विवाह नहीं हुआ था यद्यपि गर्गसंहिता आदि कुछ इधर के ग्रंथों में विवाह की कथा भी रख दी गई है । सब जगह श्रीकृष्ण के साथ इनकी मूर्ति और नाम रहता है । इनके नाम के साथ ईश या स्वमीवाचक शब्द लगने से श्रीकृष्ण का बोध होता है ।

  • एक वृत्त का नाम जिसके प्रत्येक चरण में रगण, तगण, मगण, यगण और एक गुरु सब मिलकर १३ अक्षर होते हैं , जैसे,— कृष्ण राधा कृष्ण कृष्ण राधा राधा गा
  • विशाखा नक्षत्र
  • बिजली
  • आँवला ९
  • विष्णुक्रांता लता

राधा के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • भगवान कृष्ण की आहलादिनी शक्ति, भगवान कृष्ण की प्रियतमा, एक स्त्री का नाम

राधा के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • वृषभानु गोप की कन्या , श्रीकृष्ण की प्रेयसी ; आद्या शक्ति , आह्लादिनी शक्ति ; अनुराग , प्रीति ; बिजली ; वैशाखी पूर्णिमा

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