rand meaning in braj
रंद के ब्रज अर्थ
सकर्मक क्रिया, सकर्मक
- रंदा करना, चिकनाना, खुरदरापन दूर करना
पुल्लिंग
- रंध्र ; रोशनदान , हवादान ; किले की दीवाल का छेद जिससे बंदूक चलाई जाती है
रंद के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- १, बंड़ी इमारतों की दीवारों के वे छेद जो रोशनी और हवा आने के लिये रखे जाते हैं, रौशनदान
-
किले की दीवारों का वह मोखा जिसमें से बाहर की ओर बंदूक वा तोप चलाई जाती है, मार
उदाहरण
. क्या रेनी खंदक रंद बड़ा क्या कोट कँगूरा अनमोला । क्या वुर्ज रहकला तोप किला क्या शीशा दारु और गोला ।
रंद के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- रंदा, रंधा, बढ़ई का एक औजार, इसके द्वारा लकड़ी को समतल समानान्तर एवं चिकना किया जाता है
रंद के तुकांत शब्द
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