रसाभास

रसाभास के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

रसाभास के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • साहित्य में किसी रस की ऐसे स्थान में अवतारणा करना जो उचित या उपयुक्त न हो, किसी रस का अनुचित विषय में अथवा अनुपयुक्त स्थान पर वर्णन, जैसे,— गुरू पर किए हुए क्रोध या गुरूपत्नी से किए हुए प्रेम को लेकर यदि रौद्र या शृंगार रस का वर्णान हो, तो वह विभाव, अनुभाव आदि सामग्रियों से पूर्ण होने पर भी अनौचित्य के कारण रसाभास ही होगा
  • एक प्रकार का अलंकार जिसमें उक्त ढ़ंग का वर्णन होता है

रसाभास के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • a mere semblance of रस

रसाभास के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • अलंकार विशेष ; जहाँ रस का परिपाक न हो, पर उसका आभास हो

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