ऋ के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

ऋ के मैथिली अर्थ

  • वर्णमालाक सातम अक्षर
  • 7th letter of alphabet.

ऋ के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun

  • the seventh vowel and the seventh letter of the Devna:gri: alphabet. In Hindi, however, ऋ is used in writing only तत्सम words, and is not accepted as a vowel within the Hindi phonetic set-up

ऋ के हिंदी अर्थ

संज्ञा

  • एक स्वर जो वर्णमाला का सातवाँ वर्ण है, इसकी गणना स्वरों में है और इसका उच्चारण स्थान संस्कृत व्यकरणानुसार मूर्द्धा है, इसके तीन भेद हैं—ह्वस्व, दीर्घ और प्लुत, इनमें से भी एक एक के उदात्त, अनुदात्त और त्वरित तीन तीन भेद हैं, इन नौ भेदों में भी प्रत्येक के अनुनासिक और निरनुनासिक दो दो भेद हैं, इस प्रकार ऋ के कुल अठारह भेद हुए
  • हिंदी वर्णमाला का सातवाँ स्वर अक्षर

    उदाहरण
    . ऋ का उच्चारण स्थान मूर्द्धा है।


संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • देवमाता, अदिति
  • निंदा, बुराई

संज्ञा, पुल्लिंग

  • स्वर्ग

ऋ के कन्नौजी अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का सातवाँ (स्वर) वर्ण. इसका उच्चारण स्थान मूर्धा है. (कन्नौजी बोली में 'ऋ' को 'र' के रूप में प्रयोग होता है, ‘ऋण’ रिण या रिन, 'ऋतु' रितु आदि)

ऋ के गढ़वाली अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का सातवां स्वर वर्ण
  • the seventh vowel of the Devanagari alphabet.

ऋ के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • देवनागरी वर्णमाला का सातवाँ स्वर वर्ण, जिसका उच्चारण स्थान मूर्धा है

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • देवमाता अदिति
  • निन्दा , बुराई

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