rudra meaning in braj
रुद्र के ब्रज अर्थ
विशेषण, पुल्लिंग
-
शिव
उदाहरण
. भय स्वरूप बाराह रुद्र नरसिंह बखानी बो० पृ० १५५ - एक प्रकार के गण देवता ; प्राचीन कालीन एक बाजा; ग्यारह की संख्या ; रौद्र रस
- भयानक , डरावना
रुद्र के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- an epithet of Lord Shiv and inferior manifestations of the Lord
- hence रुद्रानी Pa:rvati: the spouse of Lord Shiv
रुद्र के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
एक प्रकार के गणदेवता जिनकी संख्या ग्यारह मानी जाती है
विशेष
. इनकी उत्पत्ति सृष्टि के आरंभ में ब्रह्मा की भौहों से हुई थी । ये क्रोध रुप माने जाते हैं और भूत, प्रेत, पिशाच आदि इन्हीं के उत्पन्न कहे जाते हैं । ये कूल मिलाकर ग्यारह हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं—अज, एकपाद, अहिव्रघ्न, पिनाकी, अपराजित, त्र्यंबक, महेश्वर, वृषाकपि, शंभु, हरण और ईश्वर । गरुड़ पुराण में इनके नाम इस प्रकार हैं— अजैक पाद अहिव्रध्न, त्वष्टा, विश्वरुपहर, बहुरुप, त्र्यंबक, उपराजित, वृषाकपि, शंभु, कपर्दी और रैवत । कूर्म पुराण में लिखा हे कि जब आरंभ में बहतु कुछ तपस्या करने पर भी ब्रह्मा सृष्टि न उत्पन्न कर सके , तब उन्हें बहुत क्रोध हुआ और उनकी आँखों से आँसू निकलने लगे, उन्हीं आँशुओं से भूतों और प्रेतों आदि की सृष्टि हुई; और तब उनके मुख से ग्यारह रुद्र उत्पन्न हुए । ये उत्पन्न होते ही जोर जोर से रोने लगे थे; इसलिये इनका नाम रुद्र पड़ा था । इसी प्रकार और भी अनेक पुराणों में इसी प्रकार की कथाएँ हें । वैदिक साहित्य में अग्नि को ही रुद्र कहा गया है और यह माना गया है कि यज्ञ का अनुष्ठान करने के लिये रुद्र ही यज्ञ में प्रेवश करते हैं । वहाँ रुद्र को अग्निरुपी, वृष्टि करनेवाला, गरजनेवाला देवता कहा गया हो, जिससे वज्र का भी अभीप्राय निकलता है । इसके अतिरिक्त कहीं कहीं 'रुद्र' शब्द से इंद्र, मित्र, वरुण, पूषण और सोम आदि अनेक देवताओं का भी बोध होता है । एक जगह रुद्र को मरुदगण का पिता और दुसरी जगह अंबिका का भाई भी कहा गया है । इनके तीन नेत्र बतलाए गए हैं और ये सव लोकों का नियंत्रण करनेवाले तथा सर्पों का ध्वंस करनेवाले कहे गए हैं । -
ग्यारह की संख्या
उदाहरण
. तेहि मधि कुश करि विटप सुहावा । रुद्र सहस योजन कर गावा । -
शिव का एक रुप, एक सृष्टिनाशक हिन्दू देवता
विशेष
. विशेष —कहा गया हे कि इसी रुप में इन्होंने कामदेव को भस्म किया था, उमा और गंगा आदि के साथ विवाह किया था, आदि ।उदाहरण
. रुद्र के चित्त समुद्र वसै नित ब्रह्महुँ पै वरणी जो न जाई । केशव (शब्द॰) । . रुद्रहिं देखि मदन भय माना । दुराधर्ष दुर्गम भगवाना । —तुलसी (शब्द॰) । . केशव बरणहुँ युद्ध में योगिनि गण युत रुद्र । —केशव (शब्द॰) । . दशरथ सुत द्वेषी रुद्र ब्रह्मा न भासै । निशिचर वपुरा भू क्यों नस्यो मूल नासै । —केशव (शब्द॰) । - विश्वकर्मा के एक पुत्र का नाम
- प्राचीन काल का एक प्रकार का बाजा
- एक बहुवर्षीय वनस्पति, भदार का पेड़ , आक
-
रौद्र रस
उदाहरण
. प्रथम शृंगार सुहास्य रस करुणा रुद्र सुवीर । भय वीभत्स बखानिए अदभुत शांत सुधीर । केशव(शब्द॰) ।
विशेषण
-
जिसे देखने से भय या डर लगे , भयंकर, डरावना, भयावना, भयानक
उदाहरण
. हम बूड़त हैं विपता समुद्र । इन राखि लियो संग्राम रुद्र । - क्रंदन करने वाला
रुद्र के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएरुद्र के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएरुद्र के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- महादेव, ग्यारह का समूह, शिव।
रुद्र के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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