ruuii meaning in hindi

रूई

रूई के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

रूई के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कपास के डोरे या कोश के अंदर का घुआ

    विशेष
    . यह डोडा पक्कर चिटकने पर ऊन के लच्छे की तरह बाहर निकलता है । इसके रेशे कोमल और घुंघराले होते है, जो बीज के ऊपर चारो ओर लगे होते है, और जिनके अंदर बीज लिपटे रहते है । मोटी और बारीक के भेद से रूई अनेक प्रकार की होती है । कितनो रूइयाँ तो रेशम की भाँति कोमल और चिकनी होती हैं । डेढ़ या डोड से फूटकर बाहर निकलने पर रूई इकट्टी की जाती है । इसके बाद सुख जाने पर लोग इसे ओटनी में ओटकर बीजों से अलग कर लेते हैं । ओटी हुई, रूई धुनी जाती है जिससे उसमें जो बचे खुचे बीज रहते हैं, अलग हो जाते हैं और उसके रेशे फूटकर खुल जाते हैं । इस रूई से पेंडरी या पूनी बनाई जाती है, जिससे सूत काता जाता है । धुनी हुई रूई गद्दी आदि मे भरी जाती है; और उससे सूत कातकर कपड़े बुनते हैं । इसका प्रयोग रासायानिक रीति से बारूद बनाने में भी होता है । रूई को शोरे के तेजाब में गलाते हैं, जिससे यह अत्यंत विस्फोटक हो जाता है । इस 'गन काटन' कहते है और उत्तम बारूद में इसका प्रयोग होता है । इस 'गन काटन' को ईथर या ईथर मिले हुए अलकोहल में मिलाने से एक प्रकार का लेस बनता है । इस लेस को 'कलोडीन' कहते हैं । यह धाव पर तुरंत लगाए जाने पर झिल्ली की तरह सूखकर उसे जोड़ देता है । कलोड़ीन में थोड़ी सी मात्रा ब्रोमाइड़ और आयोडाइड को मिलाकर शीशे पर लगाकर फोटो के लिये गीला 'प्लेट बनाया' जाता है । हिंदुस्तान में रूई के कपड़े का प्रचार वैदिक काल से चला आता है । ब्रह्मण और गृह्वा सूत्रों में तो इसके यज्ञोपवीत और वस्त्र का विधान वर्णभेद से स्पष्ट देखा जाता है; पर युरोप में इसके कपड़े का प्रचार कुछ ही शताब्दियो से हुआ है । सूत के लिये उत्तम रूई वही समझी जाती है, जिसके रेशे लंबे और द्दढ़ होने पर भी पतले और चमकीले होते है ।

    उदाहरण
    . हरि हरि कहत पाप पुनि जाई । पवन लागे ज्या रूई उड़ाई ।

  • इसी प्रकार का काई राआँ , विशेषतः बीजों के ऊपर का रोआँ

रूई से संबंधित मुहावरे

रूई के मगही अर्थ

  • चर्खी से साफ की हुई कपास; सेमल, आदि के फलों से निकलने वाली रेशेदार वस्तु

रूई के तुकांत शब्द

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