सावर

सावर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

सावर के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • शिव विरचित तंत्र विशेष ; पक्की जगह या दीवाल खोदने का औजार ; मृग विशेष ; शव , ५ पाप दुष्कर्म !

सावर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • शिवकृत एक तंत्र का नाम

    विशेष
    . इसके संबंध में इस प्रकार की कथा हैं — एक बार जब शिवपार्वती किरात देश में बन में विचरण कर रहे थे, तब पार्वतीजी ने प्रश्न किया कि प्रभो । आपने संपूर्ण मंत्र कील दिए हैं, पर अब कलिकाल है, इस समय के जीवों का उपकार कैसे होगा । तव शिवजी ने उसी वेश में नए मत्रों की रचना की जो शावर या सावर कहाते हैं । इन मंत्रों को जपने या सिद्ध करने की आवश्यकता नही, ये स्वयंसिद्ध हैं । न इनके कुछ अर्थ हो हैं ।

  • एक प्रकार का लोहे का लंबा औजार जिसका एक सिरा नुकीला और गुलमेख की तरह होता है , इसपर खुरपा रखकर हथौड़े से पीटा जाता है जिससे खुरपा पतला और तेज हो जाता है
  • एस प्रकार का हिरन

    उदाहरण
    . चीते सु रोझ सावर दबंग । गैडा गलीनु डोलत अभंग ।

  • लोध्र, लोध्र
  • पाप, अपराध, दोष, सुनाह

सावर के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कमाया गया विशेष प्रकार का चमड़ा

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