सायण

सायण के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

सायण के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध आचार्य जिन्होंने चारों वेदों के बहुत उत्तम और प्रसिद्ध भाष्य लिखे हैं

    विशेष
    . इनके पिता का नाम मायण था । पहले ये राज्यमंत्री थे पर पीछे से संन्यासी होकर शृंगेरी मठ के अधिष्ठाता हुए थे । उस समय इनका नाम विद्यारण्य स्वामी हुआ था । इनका समय ईसवी चौदहवीं । (१३७०) शताव्दी है । इनके नाम से और भी बहुत से संस्कृत ग्रंथ प्रसिद्ध हैं ।

सायण के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चौदहवीं ईसवी के संस्कृत के विद्वान व वेदों के भाष्यकार

Noun, Masculine

  • Sayana an exponent & commentator of the Vedas in fourteenth century.

सायण के तुकांत शब्द

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