सद

सद के अर्थ :

सद के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; अव्यय

  • तत्क्षण, तुरंत, तत्काल

विशेषण

  • वह
  • ताजा

    उदाहरण
    . सद माखन साटौ दही घरंय़ो रहे मन मंद् । खाइ न बिन गोपाल की दुखित जसोदा नंद । पृ॰ रा॰२ ।५५७ । २

  • नया, नवीन, हाल का

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • प्रकृति, आदत, टेव

    उदाहरण
    . मदन सदन के फिरन की सद न छुटै हरि राय । रुचै तितै विहरत फिरौ, कत बिहरत उर आय— बिहारी (शब्द॰) ।


संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • सभा, समिति, मंडली
  • एक छोटा मंडप जो यज्ञशाला में प्राचीन वंश के पूर्व बनाया जाता था
  • पेड़ का फल
  • एक एकाह यज्ञ
  • यज्ञशाला में बनाया जानेवाला एक प्रकार का छोटा मंडप। अव्य० [सं० सद्यः] तत्क्षण। तुरंत। तत्काल। वि०१. नवीन, नया; हाल का, ताजा, स्त्री० [सं० सत्व] १. प्रकृति, स्वभाव; आदत, टेव, बान, स्त्री० [अ० सदा = आवाजागड़रियों का एक प्रकार का गीत, (पंजाब) + पुं० = शब्द
  • सभा, समिति, मंडली

अरबी ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • गड़रियों का एक प्रकार का गीत, (पंजाब)

फ़ारसी ; विशेषण

  • सत् का वह रूप जो उसे कुछ विशिष्ट अवस्थाओं में यौ० के आरम्भ में लगाने पर प्राप्त होता है
  • शत , सौ [को॰] , यौ॰—सदआफरी = सौ सौ साधुवाद , सदचाक , सदचिराग , सदया , सदबर्ग , सदशुक् = (भगवान् को) सौ सौ धन्यवाद

सद के अंगिका अर्थ

अव्यय

  • तुरन्त

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • प्रकृति

सद के ब्रज अर्थ

विशेषण

  • तत्काल , सद्यः

    उदाहरण
    . करहु कृपा अपने जन पर सद।

  • श्रेष्ठ , उत्तम ; नया , ताजा

    उदाहरण
    . सद दधि माखन घों आनी।


पुल्लिंग

  • सभा, समिति ; कुबान

    उदाहरण
    . सदन सदन के फिरन की सदन छुट हरिराइ ।

सद के मगही अर्थ

हिंदी ; संज्ञा

  • आदत, हिंसका; रिवाज; प्रचलन, प्रथा

सद के मैथिली अर्थ

क्रिया-विशेषण

  • सत्; सरल/संयत स्वभावक

Adverb

  • gentle; meek, well-behaved.

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