संबोधन

संबोधन के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

संबोधन के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • जगाना, नींद से उठाना
  • पुकारना, आह्वान करना
  • व्याकरण में वह कारक जिससे शब्द का किसी को पुकारने या बुलाने के लिये प्रयोग सूचित होता है, जैसे,—हि राम !
  • जताना, ज्ञान कराना, विदित कराना
  • नाटक में आकाशभाषित
  • समझाना बुझाना, समाधान करना
  • संबोधन में प्रयुक्त किया जानेवाला शब्द
  • जानकारी करना, समझना
  • किसी को पुकारने या बुलाने के लिए प्रयुक्त शब्द

    उदाहरण
    . गाँधीजी का संबोधन बापू नाम से भी होता था ।

  • व्याकरण में वह कारक जिससे शब्द का किसी को पुकारने या बुलाने के लिए प्रयोग सूचित होता है

    उदाहरण
    . संबोधन की विभक्ति हे,अरे आदि है । . हे राम! मैं मर गया में हे संबोधन है ।

  • संबोधित करने की क्रिया

    उदाहरण
    . आजकल के नेताओं के संबोधन के शब्द खोखले होते हैं ।

  • बोध कराना; ज्ञान कराना
  • जगाना; बतलाना; समझाना-बुझाना
  • आह्वान करना; पुकारना
  • किसी को पुकारने के लिए प्रयुक्त शब्द
  • व्याकरण का आठवाँ कारक

संबोधन के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

संबोधन के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • सम्मुखीकरण ; कारक विशेष ; जगाने की क्रिया, जताने की क्रिया, आश्वासन या समाधान करने की क्रिया, गई

संबोधन के मैथिली अर्थ

सम्बोधन

संज्ञा

  • आह्वान, ध्यान आकृष्ट करबाक हेतु नामक उच्चारण
  • एहिमे प्रयुक्त शब्द आ तकर कारक
  • बुझाएब
  • अभिभाषण

Noun

  • addressing.
  • term of address and the case there of, vocative.
  • counselling.
  • address.

संबोधन के तुकांत शब्द

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