sanjnaakara.naras meaning in hindi

संज्ञाकरणरस

  • स्रोत - संस्कृत

संज्ञाकरणरस के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वेद्यक के अनुसार चेतना लानेवाली एक औषध का नाम

    विशेष
    . इस औषध में शुद्ध सिंगीमुहरा, सेंधा नमक, काली मिर्च रुद्राक्ष, कटाली, कायफल, महुआ और समुद्र फल आदि पड़ते हैं । इनकी मात्रा बराबर होती है । कहते हैं कि इसके सेवन से मनुष्य का संनिपात रोग दूर हो जाता है ।

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