sankar meaning in awadhi
संकर के अवधी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- महादेव
संकर के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
'शंकर', शिव
उदाहरण
. करेहु सदा संकर पद पूजा । नारी धरम पतिदेव न दूजा । मानस, १ ।१०२ । - वह धूल जो झाडू देने के कारण उड़ती है
- आग के जलने का शब्द
- दो पदार्थों का परस्पर मिश्रण , दो चीजों का आपस में मिलना
- न्याय के अनुसार किसी एक स्थान या पदार्थ में अत्यंताभाव और समानाधिकरण का एक ही में होना , जैसे,—मन में मूर्तत्व तो है, पर भूतत्व नहीं है; और आकाश में भूतत्व है, पर मूर्तत्व नहीं है , परंतु पृथ्वी में भूतत्व भी है और मूर्तत्व भी है
- वह जिसकी उत्पत्ति भीन्न वर्ण या जाति के पिता और माता से हुई हो , दोगला
- मल , विष्ठा (को॰)
- काव्यशास्त्र के अनुसार एक वाक्य में दो या अधिक अलंकारों का मिश्रण (को॰)
- ऐसी वस्तु जो किसी वस्तु से छू जाने पर दूषित हो जाय (को॰) ९
- भिन्न जाति या वर्ण का मिश्रण , जो भिन्न वर्णों का एक में (विवाहादि द्वारा) मिलना (को॰)
संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
'संकल'
उदाहरण
. संकर सिंघ कि छुट्टि, छुट्टि इंद्रह कि गरुअ गज ।
संकर के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएसंकर के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएसंकर के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- भगवान शंकर, शिव
संकर के कुमाउँनी अर्थ
विशेषण
- मिश्रित, दोगला, योग, एक में मिलना, अतजातीय सम्बन्ध से उत्पन्न सन्तान; दो जातियों का मिश्रण
संकर के गढ़वाली अर्थ
शंकर
संज्ञा, पुल्लिंग
- शिव, महादेव; विजातीय माता-पिता की सन्तान, वर्णसंकर; नीच नस्ल की संतान |
Noun, Masculine
- a name of god Shiva; one born from parents of different castes, hybrid progency, mixed caste; low born offsprings.
संकर के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- शंकर, शिव, महादेव, कैलाशपति, पार्वतीपति
संकर के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
-
गर्द , धून ; अग्नि से जलने का शब्द ; दोगला ; दे० 'शंकर'
उदाहरण
. उ.-इंद्रादिक की कौन चलावे, संकर करत खवासी।
संकर के मगही अर्थ
हिंदी ; संज्ञा
- दो वस्तुओं के आपस में मिलने का भाव, वह जिसकी उत्पत्ति भिन्न जाति या वर्ण के माता-पिता से हुआ हो, वर्ण संकर, दोगला; शंकर, शिव, महादेव
संकर के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- 'मिश्रण', दू भिन्न-भिन्न प्रजातिक मेलसँ बनल नव प्रजाति
Noun
- hybrid, cross-breed.
संकर के मालवी अर्थ
विशेषण
- भिन्न जाति की वस्तुओं का मिश्रण, वर्णसंकर, जिसकी उत्पत्ति भिन्न वर्णों या जाति के मातापिता के मिलने से हुई हो।
संकर के तुकांत शब्द
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