sa.nkarshaN meaning in braj

संकरषन

संकरषन के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - संकर्षण

संकरषन के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • खींचना; हल जोतना; श्रीकृष्ण के भाई बलराम जिनका आयुध जाती, बो० ५६/१० हल था

संकरषन के हिंदी अर्थ

संकर्षण

संज्ञा, पुल्लिंग

  • खींचने की क्रिया
  • हल से जोतने की क्रिया
  • कृष्ण के भाई बलराम का एक नाम
  • एकादश रुद्रों में से एक रुद्र का नाम
  • बैष्णवों का एक संप्रदाय जिसके प्रवर्तक निंबाकचिर्य थे
  • आकर्षण
  • छोटा करना
  • शेषनाग
  • गर्व : घमंड, अहंकार,

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक प्रकार की विद्या जिसमे किसी स्त्री के गर्भ को दूसरी स्त्री में स्थापित किया जाता था, (देवकी के सातवें गर्भ को इसी विद्या द्वारा रोहिणी में स्थापित किया गया था, इसी से बलराम का एक नाम संकर्षण है)

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