sa.nkhaasur meaning in braj
संखासुर के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
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एक दैत्य जो देवताओं को हराकर वेदों को चुरा ले गया था, तब वेदों के उद्धार के लिये भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार धारण किया था
उदाहरण
. संखासुर मारि के बेद उद्घारि के आपदा चतुर मुख की निवारी। ।
संखासुर के तुकांत शब्द
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