संखिया

संखिया के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

संखिया के अवधी अर्थ

संज्ञा

  • एक प्रकार का विष

संखिया के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार की बहुत जहरीली प्रसिद्ध उपधातु या पत्थर

    विशेष
    . यह उपधातु कुमाऊँ, चित्राल, स्वात, काश्गर (कासगर), उत्तरी बरमा और चीन आदि में पाई जाती है । प्राय: इसका रंग सफेद या मटमैला होता है और यह चिकना तथा चमकीला होता है । जिस समय यह खान से निकलता है, उस समय बहुत कड़ा होता है और कठिनता से गलता है । पाश्चात्य वैज्ञानिक हरताल और मैनसिल को भी इसी के अंतर्गत मानते हैं । भारतवासी प्राय: यही समझते हैं कि पत्थर पर बहुत जहरीले बिच्छू के डंक मारने से यह संखिया बनता है ।

  • उक्त धातु का तैयार किया हुआ भस्म जो देशी भी होता है और विलायती भी , विशेष—यह बाजारों में सफेद, पीले, लाल, काले आदि कई रंगों का मिलता है और प्रायः औषधों में काम आता है , कुछ लोग कृत्रिम रुप से भी संखिया बनाते हैं , यह बहुत विकट विष होता है और प्राय: हत्या आदि के लिये काम में आता है , वैद्यक के अनुसार यह वीर्य तथा बलबंधक, कांति- जनक, लोहभेदक, दाहजनक, वमनकारक, रेचक, त्रिदोषध्न तथा सव प्रकार के दोषों का नाश करनेवाला माना जाता है , बैद्यक के अतिरिक्त हिकमत और डाक्टरी में भी इसका व्यव- हार होता है और उनमें भी इसे बहुत बलवर्द्धक माना गया है

संखिया के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

संखिया के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का जहर

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