संन्यासी

संन्यासी के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

संन्यासी के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • विरागी, फ़क़ीर

Noun

  • ascetic, recluse.

संन्यासी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वह जो संन्यास आश्रम में हो , संन्यास आश्रम में रहने और उसके नियमों का पालन करनेवाला

    विशेष
    . संन्यासिबों के लिये शास्त्रों में अनेक प्रकार के विधान हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं—संन्यासी को सब प्रकार की तृष्णाओं का परित्याग करके घर बार छोड़कर जंगल में रहना चाहिए; सदा एक स्थान से दूसरे स्थान पर भ्रमण करना चाहिए; कहीं एक जगह जमकर न रहना चाहिए; गैरिक कौपीन पहनना चाहिए; दंड और कमंडलु अपने पास रखना चाहिए; सिर मुड़ाए रहना चाहिए; शिखा और सूत्र का परित्याग कर देना चाहिए; भिक्षा के द्रारा जीवन निर्वाह करना चाहिए; एकांत स्थान में निवास करना चाहिए; सब पदार्थों और सब कार्यों में समदर्शी होना चाहिए; और सदुपदेश आदि के द्रारा लोगों का कल्याण करना चाहिए । आजकल संन्यासियों के गिरि, पुरी, भारती आदि अनेक भेद पाए जाते हैं । एक प्रकार के कौल या वाममार्गी संन्यासी भी होते हैं जो मद्य मांस आदि का भी सेवन करते हैं । इनके अतिरिक्त नागे, दंगली, अघोरी, आकाशमुखी, मौनी आदि भी संन्यासियों के ही अंर्तगत माने जाते हैं ।

  • वह जो छोड़ देता है या जमा करता है (को॰)
  • वह जो पृथक् या अलग कर देता है (को॰)
  • भोजन का त्याग करनेवाला , त्यक्ताहार व्यक्ति (को॰)

संन्यासी के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

संन्यासी के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • जो व्यक्ति सिर से पैर तक गेरुआ वस्त्र धारण किये हो, प्राचीन काल में उसे संन्यासी कहा जाता था
  • त्याग करने वाला, पृथक करने वाला. 2. भोजन का त्याग करने वाला

संन्यासी के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • चतुर्थ आश्रम वाला , यती , दंडी

संन्यासी के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • संन्यासी, त्यागी।

अन्य भारतीय भाषाओं में संन्यासी के समान शब्द

उर्दू अर्थ :

फ़कीर, सन्यासी - فقیر‏، سنیاسی

तारिकुद-दुनिया - تارک الدنیا

पंजाबी अर्थ :

सन्निआसी - ਸੱਨਿਆਸੀ

गुजराती अर्थ :

संन्यासी - સંન્યાસી

त्यागी - ત્યાગી

विरक्त - વિરક્ત

कोंकणी अर्थ :

संन्यासी

त्यागी

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