santosh meaning in braj
संतोष के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
-
शाति , तृप्ति , वासनाशून्यता , प्रसन्नता
उदाहरण
. बहुतै काल भोग मैं किए, पं संतोष न भायो हिए।
संतोष के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
मन की वह वृत्ति या अवस्था जिसमें मनुष्य अपनी वर्तमान दशा में ही पूर्णा सुख का अनुभव करता है; न तो किसी बात की कामना करता है और न किसी बात की शिकायत , हर हालत में प्रसन्न रहना , संतुष्टि , सब्र , कनायत
विशेष
. हमारे यहाँ पातंजल दर्शन के अनुसार 'संतोष' योग का एक अंग और उसके नियम के अंर्तगत है । इसकी उत्पत्ति सात्विक वृत्ति से मानी गई है; और कहा गया है कि इसके पैदा हो जाने पर मनुष्य को अनंत और अखंड सुख मिलता है । पुराणानुसार धर्मानुष्ठान से सदा प्रसन्न रहना और दुःख में भी आतुर न होना संतोष कहलाता है ।उदाहरण
. गोधन, गजधन, बाजिधन और रतन धन खान । जब आवत संतोष धन सब धन धूरि समान । तुलसी (शब्द॰) । - मन की वह अवस्था जो किसी कामना या आवश्यकता की भली- भाँति पूर्ति होने पर होती है , तृप्ति , शांति , इतमीनान , जैसे,—पहले मेरा संतोष करा दीजिए, तब मैं आपके साथ चलूँगा
- प्रसन्नता , सुख , हर्ष , आनंद , जैसे,—हमें यह जानकर बहुत संतोष हुआ कि अब आप किसी से वैमनस्य न करेंगे
- अंगूठा और तर्जनी (को॰)
संतोष के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएसंतोष के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- जो मिले उसी से प्रसन्न रहने का भाव, तृप्ति, प्रसन्नता, अंगूठा और तर्जनी
संतोष के मैथिली अर्थ
- तृप्ति, परितोष, सबूर
- satisfaction; contentment.
अन्य भारतीय भाषाओं में संतोष के समान शब्द
पंजाबी अर्थ :
संतोख - ਸੰਤੋਖ
गुजराती अर्थ :
संतोष - સંતોષ
तृप्ति - તૃપ્તિ
धीरज - ધીરજ
उर्दू अर्थ :
सब्र - صبر
क़नाअत - قناعت
कोंकणी अर्थ :
खोस
संतोश
संतोष के तुकांत शब्द
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