shaali meaning in maithili
शालि के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- धान
Noun
- paddy, rice. Cf सारि।
शालि के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
वैद्यक के अनुसार पाँच प्रकार के धानों में से एक प्रकार का धान जो हेमंत ऋतु में होता है , जड़हन
विशेष
. वैद्यक में इसके रक्तिशालि, कलम, पांडुक, शकुनाहृत, सुगंधक, कर्दमक, महाशालि, दूषक, पुष्पांडक, पुंडरीक, महिष मस्तक, दीर्घशूक, कांचनक, हायन, लोध्रपुष्पक आदि अनेक भेद कहे गए हैं । यद्यपि वैद्यक के अनुसर भिन्न भिन्न देशों में उत्पन्न होनेवाले के भिन्न भिन्न गुण कहे गए हैं, तथापि साधारणतः सर्भी शालि धान्यों के गुण इस प्रकार माने गए हैं—मधुर, कषायरस, स्निग्ध, बलकारक, स्वरप्रसादक, शुक्रवर्धक, कुछ कुछ वायु और कफवर्धक, शीतवीर्य पित्तनाशक और मूत्रवर्धक । - बासमती चावल
- काला जीरा
- गन्ना , पौंढा
- गंधबिलाव , गंधमार्जार
-
एक तरह का यज्ञ
उदाहरण
. शालि में धान की आहुति दी जाती है । - पक्षी (को॰)
- वह धान जो पहले एक जगह बोया और तब वहाँ से उखाड़कर दूसरी जगह रोपा जाता है
- एक यज्ञ का नाम
- एक पौधा जिसके बीजों में से चावल निकलता है
- एक अनाज जो छिलके सहित चावल होता है
- एक प्रकार का जंगली बिल्ला जिसके अंडकोष से एक प्रकार का सुगन्धित तरल पदार्थ निकलता है
- चावल, विशेषतः जड़हनी धान का चावल
- हेमंत ऋतु में होनेवाला धान, जड़हन
शालि के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएशालि के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- धान , चावल
शालि के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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