शब्द

शब्द के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

शब्द के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वायु में होनेवाला वह कंप जो किसी पदार्थ पर आघात पड़ने के कारण अथवा स्वयं वायु पर आघात पड़ने के कारण उत्पन्न होकर कान या श्रवणेंद्रिय तक पहुँचता औऱ उसमें एक विशेष प्रकार का क्षोभ उत्पन्न करता है , ध्वनि , आवाज

    विशेष
    . प्रायः सभी पदार्थों से, उनपर आघात आदि करके या उनमें जल्दी जल्दी गति उत्पन्न करके, शब्द उत्पन्न किया जा सकता है । उदाहरणार्थ, मृदंग, ढोलस, घंटा, कुरसी, किवाड़, कलम, थाली, जूता, हथौड़ा आदि । जब किसी पदार्थ पर दूसरा कोई पदार्थ आकर गिरता है अथवा किसी पदार्थ में बार- बार गति उत्पन्न की जाती है, तब वायु में एक प्रकार की ठेस लगती है जो सब और कुछ दूर तक जाती है; और जहाँ कान या श्रवणेंद्रिय होती है, वहाँ वह उसे ग्रहण करके मस्किष्क को उसकी सूचना देती है । वायु तो शब्द का वहन करता ही है, पर इसके अतिरिक्त और अनेक प्रकार की गैंर्सें, जल तथा अनेक लचीले ठओस पदार्थ भी शब्द वहन करते हैं । पर इनमें से मुख्य वाहक वायु ही है । तो भी वायु की अपेक्षा जल में शब्द बहुत अधिक दूर तक जाता है । जिस स्थान में वायु बिलकुल नहीं होती, वहाँ शब्द का वहन भी किसी प्रकार नहीं हो सकता । वायु की अपेक्षा जल में शब्द की गति और भी अधिक होती है । शब्द धीमा या हलका भी होता है, और भारी या तेज भी । यदि वायु में कंप बहुत अधिक होता है तो शब्द भी तेज या ऊँचा होता है । यदि वायु या शब्द के वाहक दूसरे साधन का घनत्व कम हो, तो भी शब्द हलका या धीमा हो जाता है । इसके अतिरिक्त दूरी भी शब्द को हलका या धीमा कर देती है । प्रकाश की भाँति शब्द का भी परिवर्तन होता है । अर्थात् शब्द एक स्थान से उत्पन्न होकर किसी ओर जाता है, और मार्ग में अवरोध पाकर फिर पीछे की ओर लौट आता है । पहाड़ के नीचे या गुबदों आदि में बोलने के समय शब्द की जो गुँज या प्रतिध्वनि होती है, वह इसी परावर्तन के कारण होती है । यदि वातावरण का तापमान ६२

  • हो तो शब्द की गति प्रति सेकँड ११२५ फुंट या प्रति मिनट प्रायः १२ मील होती है , यदि प्रायः एक ही तरह के बहुत से शब्द लगातार रह रहकर हों, तो उनसे 'शोर' पैदा होता है
  • वह स्वतंत्र, व्यक्त और सार्थक ध्वनि जो एक या अधिक वर्णों के संयोग से, कंठ और तालु आदि के द्वारा, उत्पन्न हो और जिससे सुननेवाले को किसी पदार्थ, कार्य या भाव आदि का बोध हो , लफ्ज , जैसे, मैं, क्य, सोना, घोड़ा, मोटाई, काला आदि
  • अमृतोपनिषद् के अनुसार 'ओम्' जो परमात्मा का मुख्य नाम है
  • किसी साधु या महात्मा के बनाए हुए पद या गीत आदि , जैसे, गुरु नानक के शब्द, कबीर के शब्द
  • नाम , संज्ञा (को॰)
  • व्याकरण (को॰)
  • ख्यात , मशहूर (को॰)
  • केवल नाम , शुद्ध नाम , जैसे, शब्दपति में (को॰)

शब्द के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

शब्द के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • a word, term
  • sound

शब्द के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • ध्वनि, नाद, वह सार्थक ध्वनि जिससे किसी पदार्थ का भाव का बोध होता है

शब्द के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • ध्वनि, आवाज

Noun, Masculine

  • word, a sound which conveys an idea.

शब्द के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • ध्वनि , निनाद , बोली

    उदाहरण
    . किकिणि शब्द चलत ध्वनि रुनझुन ।

शब्द के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • ध्वनि, अबाज
  • पद, सार्थक भाषिक ध्वनिसमूह

Noun

  • noise, sound.
  • word.

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