शोक

शोक के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

शोक के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दुःख, व्यथा, इष्ट वस्तु या प्रिय व्यक्ति के नाश से मन में बार-बार उठने वाली पीड़ा, मनःपीड़ा

शोक के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • इष्ट के नाश और अनिष्ट की प्रप्ति से उत्पन्न मनोविकार , किसी प्रिय व्यक्ति के अभाव या पीड़ा आदि से अथवा दुःखदायी घटना से उत्पन्न क्षोभ , रंज , गम

    विशेष
    . यौ॰— . शोकर्षित । शोकचर्या । शोकनाश । शोकनिहित, शोकपरायण, शोकपरिप्लुत, शोकपीड़ित, शोकविकल, शोकविह्लल, शोकरुम्ण, शोक संतत्प = शोक से ग्रस्त । शोक से व्याकुल । . साहित्य में 'शोक' नौ स्थायी भावों में से एक है और करुण रस का मूल है । पुराणों में 'शोक' मृत्यु का पुत्र कहा गया है ।

शोक के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

शोक के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दुःख, प्रियजन की मृत्यु पर होने वाली मन की पीड़ा

Noun, Masculine

  • sorrow, grief, condolence.

शोक के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • एक मनोविकार विशेष जो प्रिय अस्तु के वियोग और अनिष्ट से प्राप्त होता है

शोक के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • मानसिक वेदना जाहिसे कनबाक मन हो

Noun

  • grief; bereavement.

शोक के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • किसी वस्तु की प्राप्ति या सुखोपभोग की कुछ प्रबल, उत्कट या असाधारण अभिलाषा, लालसा या कामना, वि. रंज, गम।

अन्य भारतीय भाषाओं में शोक के समान शब्द

पंजाबी अर्थ :

सोग - ਸੋਗ

शोक - ਸ਼ੋਕ

गुजराती अर्थ :

शोक - શોક

खेद - ખેદ

उर्दू अर्थ :

सदमा, ग़म - صدمہ‏، غم

कोंकणी अर्थ :

दुख

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