शूली

शूली के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

शूली के ब्रज अर्थ

विशेषण

  • शूल रोग वाला

शूली के हिंदी अर्थ

शूलि

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • पीड़ा, शूल

    उदाहरण
    . सो सुधि भूप हिये महँ भूली । अजहूँ उठत जासु ते शूली ।

  • देखिए : 'सूली'

    उदाहरण
    . नाहक नर शूली धरि दीन्हों । जिन बन माहिं ठगाही कीन्हों । . कौन पाप मैं ऐसो कियो । जाते मोकूँ शूली दियो ।


संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • त्रिशूल धारण करनेवाले, शिव, महादेव

    उदाहरण
    . शृंगी शूली धूरजटी, कुंडलीश त्रिपुरारि । वृषा कपर्दी मानहर, मृत्युंजय कामारि ।

  • शिव; शंकर
  • खरगोश, शशक, खरहा
  • भालाबरदार; खरहा
  • शूलरोग से पीड़ित व्यक्ति, वह जिसे शूलरोग हुआ हो
  • लोहे आदि का वह नुकीला डंडा या इसी तरह की कोई और चीज जिसपर बैठा या लटकाकर प्राचीनकाल में अपराधियों को प्राणदंड दिया जाता था
  • एक नरक का नाम

    उदाहरण
    . तेरहों शूली नरक कहावै । शूली सम दुख तामे पावै । जो नर पाप करै अधिकाई । करि शिकार मृग मारै जाई । . काहू को शस्त्रन ते मारै । तेहि यम शूली नरक में डारै ।

  • कुंतधारी व्यक्ति, वह जो शूल धारण किए हो
  • एक प्रकार की घास , शूलीपत्री

    विशेष
    . इस घास को पशु बड़े चाव से खाते हैं और इसका व्यवहार औषध रूप में भी होता है । वैद्यक के अनुसार यह किंचित उष्ण गुरु, बलकारक, पित्त तथा दाहनाशक और गौओं तथा भैसों का दूध बढ़ानेवाली मानी जाती ।


विशेषण

  • शूल रोग से ग्रस्त
  • शूल या कुंत धारण करने वाला

शूली के मैथिली अर्थ

  • देखिए : 'सूली'

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