snehpaan meaning in hindi
स्नेहपान के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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वैद्यक के अनुसार एक प्रकार की क्रिया जिसमें कुछ विशिष्ट रोगों में तेल, घी, चरबी आदि पीते हैं
विशेष
. हमारे यहाँ स्नेह चार प्रकार के माने गए हैं—तेल, घी, वसा और मज्जा। खाली तेल पीने को साधारण पान कहते हैं। यदि तेल और घी मिलाकर पीया जाय तो उसे यमक; इन दोनों के साथ यदि वसा भी मिला दी जाय तो उसे त्रिवृत; और यदि चारों साथ मिलाकर पीए जाएँ तो उसे महास्नेह कहते हैं। स्नेहपान से अग्नि दीप्त होती है, शरीर कोमल तथा हल्का होता है। - तेल पीना
स्नेहपान के तुकांत शब्द
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