सोआ

सोआ के अर्थ :

सोआ के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का साग

    विशेष
    . इसका क्षुप १ से ३ फुट तक ऊँचा होता है । इसकी पत्तियाँ बहुत सूक्ष्म और फूल पीले होते हैं । वैद्यक के अनुसार यह चरपरा, कड़वा, हलका, पित्तजनक, अग्निदीपक, गरम, मेधाजनक, वस्तिकर्म, में प्रशस्त तथा कफ, वात, ज्वर, शूल, योनिशूल, आध्मान, नेत्ररोग, व्रण और कृमि का नाशक है ।

सोआ के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वह गड्ढा जहाँ पर बरसात या बाढ़ का पानी रूक जाता है

सोआ के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक साग, जिसकी पत्तियाँ बहुत महीन होती हैं

सोआ के बज्जिका अर्थ

संज्ञा

  • एक सुगन्धित साग, मसाला

सोआ के मगही अर्थ

हिंदी ; संज्ञा

  • एक प्रकार का सुगंधित साग, जिसे मसाले की तरह तरकारी आदि में मिलाते हैं

सोआ के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • धन्नी-सन एक अन जे मसाला होइत अछि
  • दे. सोअ

Noun

  • funnel, Indian dill; Anethum sowa.

सोआ के तुकांत शब्द

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