sola.nkii meaning in malvi
सोलंकी के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- क्षत्रियों की एक शाखा।
सोलंकी के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
क्षत्रियों का प्राचीन राजवंश जिसका अधिकार गुजरात पर बहुत दिनों तक था
विशेष
. ऐसा माना जाता है कि सोलंकियों का राज्य पहले अयोध्या में था जहाँ से वे दक्षिण की ओर गए और वहां से फिर गुजरात, काठियावाड़, राजपुताने और बधेलखंड में उनके राज्य स्थापित हुए । उत्तरी भारत में जिस समय थानेश्वर और कन्नौज के परम प्रतापी सम्राट् हर्षवर्धन का राज्य था, उस समय दक्षिण में सोलंकी सम्राट् द्वितीय पुलकेशी का राज्य था, जिससे हर्षवर्धन ने हार खाई थी । रीवाँ का बधेलवंश इसी सोलंकी वंश की एक शाखा है । इस समय सोलंकी और बधेल अपने को अग्निवंशी बतलाते हैं और अपने मूल पुरुष चालक्य को वशिष्ठ ऋषि द्वार आबू पर के यज्ञकुंड से उत्पन्न कहते हैं । पर यह बात पृथ्वीराज रासो आदि पीछे के ग्रंथों के आधार पर ही कल्पित जान पड़ती है, क्योंकि विक्रम सं॰ ६३५ से लेकर१६००तक के अनेक शिलालेखों, दानपत्रों आदि में इनका चंद्रवेशी और पांडवों का वंशधर होना लिखा है । बहुत दिनों तक इनका मुख्य स्थान गुजरात था ।
सोलंकी के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- क्षत्रियों की एक उपजाति
सोलंकी के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा