somdhrit meaning in hindi
सोमधृत के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
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स्त्रीरोगों की एक औषध
विशेष
. इसके बनाने की विधि इस प्रकार है—सफेद सरसों बच, ब्राह्मी, शंखाहुली, पुनर्नवा, दूधी (क्षीर काकोली) खिरैंटी, कुटकी, खंभारी के फल (जरिश्क), फाल��ा, दाख, अनंतमूल, काला अनंतमूल, हलदी, पाठा, देवदारु, दालचीनी, मुलैठी, मजीठ, त्रिफला, फूल प्रियंगु, अडूसे के फूल, हुरहुर, सोंचर नमक और गेरु ये सब मिलाकर एक सेर घृतपाक विधि के अनुसार चार सेर गौ के घी में पाक करना चाहिए । गर्भवती स्त्री को दूसरे महीने से छह महीने तक इसका सेवन कराया जाता है । इससे गर्भ और योनि के समस्त दोषों का निवारण होता है, रजवीर्य शुद्ध होता है और स्त्री बलिष्ठ तथा सुंदर संतान उत्पन्न करती है । पुरुषों को भी दूषित वीर्य की शुद्धि के लिये यह दिया जा सकता है ।
सोमधृत के तुकांत शब्द
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